कितने कंटक उग आते हैं (कारण, कार्य और प्रभाव गीत--यह एक नवीन प्रकार का गीत मैने रचना प्रारम्भ किया है। इसमें कार्य का कारण व उसके प्रभाव का निरूपण किया जाता है ) नीर निराई के अभाव में, भूमि शुष्क,बंजर हो जाती। श्रम संरक्षण रहित धरा पर, कब हरियाली टिक पाती है? पत्र,पुष्प,फ़ल,धान्य नष्ट हो, कितने कंटक उग आते है ॥(१) उचित व्यवस्था नीति नियम बिन, नष्ट सन्सथायें हो जातीं । उचित विचार कर्म से रहित, जन-मन दूषित हो जाता है। भ्रष्ट पतित नीच कर्मों के, कितने कंटक उग आते है ॥(२) उचित नीति ,निर्देश,उदाहरण, बिना,भ्रमित यौवन होजाता । कुमति,कुसन्ग,कुतर्क भाव- युत, नव - पीढी, आवेशित रहती । मानस में अन्तर्द्वन्द्वों के, कितने कंटक उग आते हैं ॥(३) भ्रष्टाचार, अधर्म,अनीति, जब, समाज़ में प्रश्रय पाजाती । तन मन धन से त्रष्त सभी जन, आशंकित निराश हो जाते । जन विरोध के,विविध भाव में, कितने कंट