उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया है जो चिंता का विषय है । उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ऊपर के अघोषित आदेशो के तहत उर्दू के सुप्रसद्दिध दैनिक अखबार जो लखनऊ व फैजाबाद से प्रकाशित होता है उसके विज्ञापन रोक दिए है और सरकार की कोशिश ये है की यह अखबार बंद हो जाए । इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार के पक्ष के मौलाना साहब की कथनी और करनी में अन्तर के संबंध में उर्दू दैनिक ने संसदीय चुनाव से पहले से ही प्रकाशित करना शुरू कर दिया था । मौलाना साहब ने अपने सरकारी तालुकात का इस्तेमाल करते हुए ऊपर से आदेश करा दिए कि इस अखबार के विज्ञापन रोक दिए जाएँ और हर सम्भव तरीके से सरकार उर्दू दैनिक अखबार को बंद कराने की कोशिश कर रही है । इस तरह की परंपरा जन विरोधी होती है और हिटलर शाही की परंपरा बढती है अगर एक व्यक्ति की नाराजगी से मीडिया चलने लगेगा तो उसके परिणाम अच्छे नही आते है । जब -जब प्रिंट मीडिया के संपादक