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Showing posts from December 21, 2010

भ्रष्टाचार

ताक़त की ख्वाइश ,                 लुट का लालच ,                              कमजोरो पर ज़ुल्म                                                कुच्छ का कहना है की ये सब ज़ज्बात हैं !                                                 हम खुद को कितना बेहतर  ढंग से समझते हैं इस बात का प्रभाव सामाजिक वास्तविकता की हमारी संचालन क्षमता पर गहराई पूर्वक पड़ता है ! कुच्छ क्षेत्रो मै  हम खुद को बेहतर तरीके से जानते हैं , लेकिन कुच्छ मामलो मै अपने अच्छे रूप मै दीखने की जरुरत या अच्छे पूर्वाग्रह के चलते हम अपने आप से अजनबी बने रहते हैं ! समय बीतता जाता है और हम खुद से ही रूबरू नहीं हो पाते हैं         ...
दोस्तों यह ब्लोगर की दुनिया भी अजीब हे दोस्तों वर्ष २०१० जाने के इन्तिज़ार में हे कुछ दिन शेष बचे हें अपनी म़ोत जिंदिगी का अपन को कोई पता नहीं लेकिन कुछ दिनों बाद वर्ष २०११ नई उमंग नई सुबह लेकर जरुर आयेगा में इस ब्लोगर की दुनिया में मार्च २०१० में पैदा हुआ था और ब्लोगर भाईयों के साथ लगातार हंसी ठिठोली करने का प्रयास कर रहा हूँ कई ब्लोगर हें जो बहुत बहुत महान हें भाई ललित जी ,भाई द्विवेदी जी बहन संगीता,बहन वन्दना जी, उदय भाई सही सेकड़ों ऐसे ब्लोगर हें जिनका प्यार मुझे अक्सर मिलता रहा मेने ब्लोगर की दुनिया में मासूम भाई और फिरदोस बहन सहित कई लोगों की तकरारें भी देखी हें , ब्लोगर्स की गंदी भाषाएँ नंगा पन भी सहा हे लेकिन एक बात तो साफ हे के वर्ष दो हजार दस ब्लोगिस्तान का वर्ष रहा इस साल इंटरनेट के इस युग में ब्लोगर्स की दुनिया चोथी दुनिया के रूप में उभरी हे यहाँ चोटों को बढों का प्यार बढों को छोटों का मान सम्मान भी मिला हे , बस एक कमी अखरती हे के ब्लोगर्स एक दुसरे की प्रशंसा करने और एक दुसरे को संदेश के जरिये सीख देने में कंजूसी बरतते हें कुछ ब्लोगर्स हें जो खुद को...
लीगल प्रेक्टिशनर बिल सरकार की जालसाजी देश के वकीलों के साथ सरकार ने धोखे से लीगल प्रेक्टिशनर बिल पारित करवा कर धोखा किया हे देश के साथ की गयी इस जालसाजी को देश भर के वकील मानने को तय्यार नहीं हे इस बिल को तय्यार करने ,कानून बनाने में सरकार के करोड़ों रूपये खर्च हुए हें लेकिन देश की विद्म्म्बना हे के इस गेर जरूरी बिल को सरकार ने अहमियत दी हे । वकील खुद स्वतंत्र अस्त्तिव रखते हें लेकिन उनको अनुशासित करने के लियें सरकार ने संसद में एडवोकेट एक्ट का कानून पारित किया हे फिर इस कानून की पालना और वकीलों को नियंत्रित रखें के लियें एक स्वतंत्र संस्था बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया का गठन किया गया हे और इस संस्था का विकेंद्रिकर्ण कर राज्य स्तर पर इस व्यवस्था को लागु किया गया हे जहां एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया लागू हे देश भर के वकील चुनाव के माध्यम से अध्यक्ष और दुसरे सदस्यों को चुनते हें जो एक निर्धारित कानून और नियमों के तहत वकीलों की नीतिया और नियम निर्धारित करते हें चिकित्सकों की भी ऐसी ही स्वतंत्र मेडिकल कोंसिल संस्था हे हाल ही में मेडिकल कोंसिल के अध्यक्ष को करोड़ों रूपये के साथ ...