सभी सबुद्ध जनों को मेरा प्रणाम, दरअसल आज अपनी रचना के बहाने मैं इस वृहद् मंच के सहयोग की आशा लिये, एक बात बाँटना चाह रहा हूँ, मित्रो एक छोटी अशासकीय संस्था है 'सुकून' जो नई दिल्ली के कुछ छात्रों द्वारा शुरू की गयी हैं जिसने अपनी लक्ष्य साधना अपने शब्दों में कहूँ तो देश की सामजिक एक आर्थिक सबलता को कसौटी पर रख कर शुरू की हैं.उनके कार्य और उद्देश्य ने मुझे भी खासा प्रभावित किया और मैं भी इस संस्था के साथ जुड़कर संकल्प यात्रा में लग गया. मित्रो हमारी संस्था का उद्देश्य लोगो में 'स्वयंसेवा' का भाव जगाना हैं,मेरा खुद भी यही मानना हैं की विकास फिर भले वो किसी भी स्तर का हो प्रादेशिक,राष्ट्रीय या फिर अंतर्राष्ट्रीय अपनी सबसे बड़ी मांग रखता हैं स्वयं सेवा या कहे जागरूकता. क्यूंकि कोई भी इन्सान जितनी श्रेष्ठता से स्वयं की मदद कर सकता हैं,दूसरा कोई उसके लिए नहीं कर सकता, हमारा लक्ष्य भी यही हैं ,की सभी व्यक्ति अपने कर्तव्यो के प्रति जागरूक हो,और इस संकल्प यज्ञ में अपनी आहुति दे,और उन्हें सिर्फ एक काम दिया जाये की वे समाज की सबसे छोटी इकाई पर अति महत्वपूर्ण इकाई जो की उनकी एकात्म