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Showing posts from October 16, 2009

गीत: शब्दों की दीपावली -आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

शब्दों की दीपावली आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' http://divyanarmada.blogspot.com जलकर भी तम हर रहे, चुप रह मृतिका-दीप. मोती पले गर्भ में, बिना कुछ कहे सीप. सीप-दीप से हम मनुज तनिक न लेते सीख. इसीलिए तो स्वार्थ में लीन पड़ रहे दीख. दीप पर्व पर हों संकल्पित रह हिल-मिलकर. दें उजियारा आत्म-दीप बन निश-दिन जलकर. - छंद अमृतध्वनि **************** नव गीत हिल-मिल दीपावली मना रे!... * चक्र समय का सतत चल रहा. स्वप्न नयन में नित्य पल रहा. सूरज-चंदा उगा-ढल रहा. तम प्रकाश के तले पल रहा, किन्तु निराश न होना किंचित. नित नव आशा-दीप जला रे! हिल-मिल दीपावली मना रे!... * तन दीपक मन बाती प्यारे! प्यास तेल को मत छलका रे! श्वासा की चिंगारी लेकर. आशा-जीवन- ज्योति जला रे! मत उजास का क्रय-विक्रय कर. 'सलिल' मुक्त हो नेह लुटा रे! हिल-मिल दीपावली मना रे!... * नव गीत कुटिया हो या महल हर जगह दीवाली है... * तप्त भास्कर, त्रस्त धरा, थे पस्त जीव सब. राहत पाई, मेघदूत पावस लाये जब. ताल-तालियाँ- नदियाँ बहरीन, उमंगें जागीं. फसलें उगीं, आसे

लो क सं घ र्ष !: महानायक का पेट कब भरेगा

फ़िल्म जगत के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम देश के महानायकों में से आता है और दुनिया में लाखों लोग उनके प्रशंसक है किंतु इस महानायक का नाम हमेशा आर्थिक घोटालो में भी आता रहता है । नई पीढी इस तरह के दो अर्थी चरित्र से क्या प्रेरणा ले और क्या विश्वाश करे मुख्य बात यह है कि महानायक के परम मित्र अमर सिंह के साथ उनके ख़िलाफ़ जनपद कानपुर के बाबूपुरवा थाने में अपराध संख्या 458/09 अर्न्तगत धारा 420, 467 , 468, 471, 120 बी, आई पी सी, 3/7 मनीलॉण्ड़िरिंग एक्ट व 7/8/9/10/13 भ्रष्टाचार निरोधक कानून कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है । इस मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये का घोटाला है । इसके पूर्व भी महानायक अमिताभ बच्चन ने बाराबंकी जनपद के दौलतपुर गाँव में अपने नाम रिकॉर्ड रूम के कर्मचारियों से मिलकर अपने नाम ग्राम समाज कि जमीन फर्जी तरीके से अंकित करा ली थी । महानायक को इस भूमि घोटाले में भी काफ़ी विवाद का सामना करना पड़ा था। यदि वह महानायक न होते साधारण व्यक्ति होते तो कई महीने उनको कई महीने कारागार में रहकर जमानत का इन्तजार करना पड़ता । इस तरह कि घटनाएँ देख कर लगता है कि महानायक जैसे लोग शुद्ध रूप से आर

दिवाली की शुभ कामनाये:

दीप जलाओ दीप जलाओ॥ अन्धकार को दूर भगाओ॥ खुशियों से आँगन महके गा॥ प्रेम प्रसन्नता से दिल चहके गा॥ पूर्ण अधूरे होगे काम॥ शांत पूर्वक करे आराम॥ दीपो का पर्व है दीप जलाओ॥ अन्धकार को दूर भगाओ॥ दिवाली की शुभ कामनाये: