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एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥

एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
खली हाथ रैहोबाबा छोट जाए गठरी ॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
धरम कइला ॥ करम कइला॥
पुष्य कइला ॥ पाप कइला ॥
घर्म की किवाड़ा से बंद होए कोठरी ॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
बनाय दिया ॥ बिगाड़ लिया॥
कह दिया ॥ कहवाय liyaa ..
अखिया से धोधुर होए॥
छूट जाए मुदरी...
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
खली हाथ रैहोबाबा छोट जाए गठरी ॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
धरम कइला ॥ करम कइला॥
पुष्य कइला ॥ पाप कइला ॥
घर्म की किवाड़ा से बंद होए कोठरी ॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥
बनाय दिया ॥ बिगाड़ लिया॥
कह दिया ॥ कहवाय liyaa ..

पूजा कइला ॥ पाद कइला
दान कइला ॥ पुष्य कइला
जाते समय छूट जाए॥ माया वाली गठरी॥
एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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