हमने भी छुपा राखी है ॥
उसकी दी हुयी निशानी॥
हमको भी याद आती है॥
बीती हुयी जवानी॥
सुंदर स्वरूप था॥
सादगी में ढल गई थी॥
उसकी मुस्कराते॥
मेरी नीव बन गई थी॥
होती थी बात जब जब॥
कर जाती थी नादानी॥
.....................
आती थी पास जब जब॥
सरमाता था जमाना॥
हस्ता था दिल हमारा॥
मई प्रेम गीत गाता॥
उसकी सुरमई आँखे॥
बताती थी मेरी कहानी॥
हमको भी याद आती है॥
बीती हुयी जवानी॥
उसकी दी हुयी निशानी॥
हमको भी याद आती है॥
बीती हुयी जवानी॥
सुंदर स्वरूप था॥
सादगी में ढल गई थी॥
उसकी मुस्कराते॥
मेरी नीव बन गई थी॥
होती थी बात जब जब॥
कर जाती थी नादानी॥
.....................
आती थी पास जब जब॥
सरमाता था जमाना॥
हस्ता था दिल हमारा॥
मई प्रेम गीत गाता॥
उसकी सुरमई आँखे॥
बताती थी मेरी कहानी॥
हमको भी याद आती है॥
बीती हुयी जवानी॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर