दो गज कफ़न से मेरी अर्थी सजाओगे॥
मुझको पता है याद तुम बहुत ही आओगे॥
हम हंस के जा रहे है तुम रो के विदा मत करना॥
मेरे चिता में आग तुम ही लगाओ गे॥
यही दुआ करेगे हम तुम नाम करके आना॥
पूछू गा प्रश्न मै तुम उत्तर हमें बताना॥
मेरी सतह से उंच तुम मंजिल बनाओगे॥
अद्भुत बना के रखना अपने नियम कायदे॥
किसी से गलत कभी लेना नहीं फायदे॥
मेरे सखा के फूल तुम गम गमाओ गे॥
कभी किसी से वैर विरोध नहीं करना॥
सच्ची डगर पे सदा ही चलते रहना॥
एकदिन गगन में तारे बन तुम ॥
टिम टिमाओगे॥
मुझको पता है याद तुम बहुत ही आओगे॥
हम हंस के जा रहे है तुम रो के विदा मत करना॥
मेरे चिता में आग तुम ही लगाओ गे॥
यही दुआ करेगे हम तुम नाम करके आना॥
पूछू गा प्रश्न मै तुम उत्तर हमें बताना॥
मेरी सतह से उंच तुम मंजिल बनाओगे॥
अद्भुत बना के रखना अपने नियम कायदे॥
किसी से गलत कभी लेना नहीं फायदे॥
मेरे सखा के फूल तुम गम गमाओ गे॥
कभी किसी से वैर विरोध नहीं करना॥
सच्ची डगर पे सदा ही चलते रहना॥
एकदिन गगन में तारे बन तुम ॥
टिम टिमाओगे॥
सत्य वचन।
ReplyDelete………….
दिव्य शक्ति द्वारा उड़ने की कला।
किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
एकदिन गगन में तारे बन तुम ॥
ReplyDeleteटिम टिमाओगे॥
bahut umda rachna
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
bahut sundar abhivyakti.
ReplyDeleterajnish ji,chaurasiya sir,, vandana mam,,aap ko logo ko hamaaraa manobal badhaane ke liye laakh laakh shukria..
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