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विक्लिंक्स या एक जासूसी की शुरुआत

विक्लिंक्स या एक जासूसी की शुरुआत हे इस मामले में देश की सरकार और जनता को गम्भीरता से सोचने की जरूरत हे जो बात हमारे देश की जनता को पता नहीं अगर वही बात हमें विदेशी लोगों से पता चले तो या तो हमारे अपने मिडिया कर्मी बिके हुए हें या फिर कमज़ोर हें . 
जी हाँ दोस्तों कभी भी अगर कोई बात मेरे इस देश में हुई हे तो हमें बाहर के ही लोगों ने सूचित किया हे इन दिनों विश्व में विक्लिंक्स वेबसाईट का खुलासा हे और यह खुलासा सीधे साइड मेरे इस देश की जासूसी की पोल खोल रहा हे जो मेरे देश की सरकार इसके लियें खुली छुट देकर देश और देश वासियों की सुरक्षा के लियें खतरा पैदा कर रहे हें . 
हमारे देश में देश का कोई व्यक्ति अगर कुछ खबरे लेना चाहता हे सुचना के अधिकार के तहत सूचनाएं मग्नता हे तो सीधा जवाब होता हे के इस जवाब से देश की सुरक्षा को खतरा हे इसलियें यह सुचना दिया जाना सम्भव नहीं हे हमारी रक्षा प्रणाली , सुरक्षा प्रणाली. वैज्ञानिक प्रणाली सब कुछ विदेशों को पता हे लेकिन हमारे देश की इस जनता को जानने का हक नहीं अगर देश के लोग कोई सच नहीं जान सकते तो विदेश के लोगों को यह सच केसे पता चल जाता हे और अगर पता चलता हे तो फिर इन सुचना दाताओं की नादानी पर उनके खिलाफ कार्यवाही क्यूँ नहीं होती यह एक वाल हे हाल ही में विक्लिंक्स ने देश की सुरक्षा और आंतरिक मामलों को लेकर कई खुलासे किये हें हम हमारे देश के लोगों पर तो भरोसा नहीं करते लेकिन एक विदेशी जासूस की बात पर बिना अजांचे परखे विशवास कर बैठते हैं और बस संसद हो चाहे सडक हो आपस में लड़ बैठते हें दोस्तों दिखने में तो यह एक मामूली बात हे लेकिन जरा सोचो विचार करो हमारे देश की जानकारी अगर विदेशियों के पास हे और वोह ऐसी जानकारी हे के हमें सुचना के अधिकार के तहत नहीं दी जा सकती तो फिर बताओ इस देश का गुप्त सच कोन बाहर पहुंचा रहा हे कोन अधिकारी हे जो इस सच को पचा नहीं पा रहा हे यह एक ऐसा सवाल हे जिस पर विचार करना होगा और विक्लिंक्स के सभी सच के खुलासे के बाद किसके खिलाफ क्या कार्यवाही हो वोह बाद की बात हे लेकिन पहली कार्यवाही उन लोगों की खोज होना चाहिए जिनकी लापरवाही से विदेशी जासूसों को इस देश में सुचना एकत्रित करने का मोका मिल रहा हे और मेरे इस देश को विदेशी जासूसी से बचाने के लियें अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करना चाहिए. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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