पीयूष पांडे
क्या आपके पति या पत्नी को मालूम न चले तो आप उन्हें धोखा दे सकते हैं? क्या आपका पत्नी की बहन से कभी अफेयर रहा है? क्या आपकी मां आपके बच्चों से ज्यादा आपके भाई के बच्चों को प्यार करती हैं? क्या आपने शादी से पहले सेक्स किया है? और क्या आपके दिमाग में कभी अपने पति या पत्नी की हत्या का ख्याल आया है?
‘हां’ और ‘न’ की सीमाओं में बंधकर ऐसे तमाम सवालों के जवाब और इसके रोमांच से टेलीविजन दर्शक रूबरू होने को तैयार हैं- रिएलिटी शो सच का सामना के जरिए। अमेरिकी रिएलिटी शो द मूमेंट ऑफ ट्रुथ का देशी संस्करण ‘सच का सामना’ भारतीय टेलीविजन चैनलों पर रिएलिटी शो के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।
रिएलिटी शो के अतीत पर नजर डालें तो परंपरागत अंताक्षरी से लेकर नाच गाने के इंडियन आइडल जैसे तमाम कार्यक्रमों में दर्शकों को लुभाने के लिए गाने-बजाने का सहारा लिया गया। इस बीच, कौन बनेगा करोड़पति जैसा कार्यक्रम भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के कंधों पर सवार होकर पहली बार छोटे पर्दे के जरिए एक करोड़ रुपए जीतने का ख्वाब लेकर ड्राइंगरूम में दाखिल हुआ तो वो भी सफल साबित हुआ। हालांकि, इसकी सफलता में अमिताभ की आत्मीयता और संवाद अदायगी की भी बड़ी भूमिका थी।
बदलते वक्त में बिग बॉस, रोड़िस और स्पिल्ट्जवाला जैसे फूहड़ और भौंडे रिएलिटी शो ने भी टेलीविजन पर सफलता की कहानी लिखी। इन कार्यक्रमों में अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद और बेहूदा हरकतें सामान्य थीं। लेकिन, सच का सामना इन सभी रिएलिटी शो में इस मायने में बिल्कुल अलग है कि यहां प्रतियोगियों को जीत के लिए सिर्फ और सिर्फ सच बोलना है, और इसमें कोई दो राय नहीं कि सच कई बार खौफनाक होता है।
इस शो के फॉर्मेट को दिलचस्प कहा जा सकता है। इसमें प्रतियोगियों को हॉट सीट पर बैठने से पहले पॉलीग्राफिक टेस्ट (लाइ डिटेक्टर टेस्ट) से गुजरना पड़ता है। इस दौरान प्रतियोगी से ५क् सवाल पूछे जाते हैं। पॉलीग्राफिक टेस्ट के नतीजे बताए बगैर प्रतियोगियों को इन्हीं 50 सवालों में से 21 सवालों का सामना कार्यक्रम के दौरान करना होता है। लेकिन, अपने मित्र-परिजनों के सामने। ये आसान काम नहीं है। खासकर तब, जबकि सवाल निजता की सीमाएं लगातार लांघ रहे हों और हर सच मित्रों-परिजनों को आहत कर सकता हो।
अमेरिका में इस रिएलिटी शो पर कई घर बर्बाद करने का आरोप है। हॉट सीट पर बैठकर लाखों का इनाम जीतते हुए प्रतियोगियों ने कहीं अपने घर तोड़ डाले तो कहीं दिल। इस शो से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। लॉरेन क्लेरी नाम की एक प्रतियोगी से सवाल पूछने उसका पूर्व ब्यॉयफ्रेंड भी पहुंचा था। उसने पूछा, अगर मैं तुम्हारे पास लौटना चाहूं तो क्या तुम अपने पति को छोड़ दोगी। कार्यक्रम के नियम के मुताबिक, अगर कोई मित्र-परिजन जवाब न सुनना चाहता हो तो एक बार सवाल बदलने की गुजारिश कर सकता है।
लॉरेन की मित्र ने यही किया। सवाल बदला गया तो फिर पूर्व ब्यॉयफ्रेंड को ही मौका मिला। उसने पूछा, क्या मैं ही वो शख्स हूं, जिससे तुम्हें शादी करनी चाहिए थी। लॉरेन ने जवाब दिया- हां। इस जवाब के साथ लॉरेन एक लाख डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गई। उसके पति ने खेल जारी रखने को कहा क्योंकि उसे लगा कि इससे ज्यादा वो निराश नहीं कर सकती। अगला सवाल था- क्या आपने शादी के बाद किसी दूसरे शख्स से शारीरिक संबंध बनाए हैं।
लॉरेन का जवाब था- हां। इस जवाब के बाद लॉरेन और उसके पति की राहें जुदा हो गईं। लॉरेन संबंधों को गंवा लाखों डॉलर जीत चुकी थी। लेकिन, किस्मत का खेल देखिए कि अगला सवाल था- क्या आप खुद को बेहतर इंसान मानती हैं। लॉरेन ने जवाब दिया- हां। लेकिन, जवाब गलत साबित हुआ। लॉरेन खाली हाथ घर लौटी। इसी तरह, कोलंबिया में एक बार इस शो को इसलिए रद्द भी करना पड़ा, क्योंकि हॉट सीट पर बैठी महिला ने स्वीकार किया कि उसने अपने पति की हत्या के लिए सुपारी दी थी, लेकिन वो बच गया।
लेकिन, बात अमेरिका की नहीं भारत की है। मुमकिन है यहां सेक्स से संबंधित सवाल कम पूछे जाएं, लेकिन...
इनके बगैर यह खेल यहां भी पूरा नहीं होगा। फिर, निजता की सीमाएं लांघते सवाल तो यहां भी होंगे ही। सवाल यह है कि क्या भारतीय समाज ड्राइंगरूम के भीतर इन सवालों और इनके जवाबों को सुनने के लिए अब तैयार हो चुका है? सच की असल तस्वीर हालात से दिखाई देती है, लेकिन यहां सिर्फ हां और न में बंधा होगा सच। ऐसे में, क्या भारत में यह शो महज रिएलिटी शो साबित होगा या विवादों की खाद लेकर घरों और दिलों को तोड़ते हुए सफलता की नई दास्तां लिखेगा?
बात सिर्फ सच की भी नहीं है। बात झूठ की भी है। समाज को कड़ी दर कड़ी जोड़े रखने में झूठ भी गोंद की तरह इस्तेमाल होता है। लेकिन, इस रिएलिटी शो में रोज सच का विस्फोट होगा। ड्राइंगरूम में। बच्चों के बीच। हालांकि, पॉलीग्राफिक टेस्ट को अभी कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन इस शो की विश्वसनीयता को इसी आधार पर भुनाया जाएगा।
कई लोगों का मानना है कि भारतीय घरों के चाय के प्याले में सच का सामना अभी तूफान नहीं ला सकता। वजह यह कि भारतीय मानस अभी टेलीविजन को गंभीरता से लेता ही नहीं। भारतीय समाज की विसंगतियां भी उतनी दुश्कर नहीं हुई, जितनी पश्चिमी समाज की। लिहाजा, हमारे सच अभी उतने विस्फोटक नहीं हुए। इसके अलावा अहम बात यह भी कि इस कार्यक्रम में शिरकत कौन करता है?
इसमें कोई दो राय नहीं कि दूसरों की निजता से जुड़े सवालों का जवाब सार्वजनिक होने पर एक अलग मजा देते हैं। टीआरपी की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में इस तरह का कार्यक्रम चैनल को आगे ले जाने में मदद कर सकता है, लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि कौन बनेगा करोड़पति की तरह ड्राइंगरूम में बैठा परिवार जब हर सवाल का जवाब बुदबुदाएगा, तब वो सोच के किस पार खड़ा होगा? आखिर, 21 नितांत निजी सवालों के पार रखे एक करोड़ के इनाम का इनाम खुद को नंगा करने सरीखा नहीं होगा।
फिर, इस रिएलिटी शो के जरिए एक सवाल फिर उभार ले सकता है कि क्या ये टेलीविजन चैनलों का दिवालियापन नहीं है कि हम नकल कर एक ताले की चाबी को दूसरे में फिट कर देखना चाहते हैं। फिलहाल देखना यही है कि क्या भारतीय दर्शक सच का सामना करने के लिए तैयार हैं? अगर ऐसा हुआ तो भारतीय रिएलिटी शो के एक नए युग की शुरुआत होगी, जहां नाच गाने-शारीरिक श्रम- बौद्घिक चातुर्य से आगे जाकर निजता में सीधे सेंध लगाने की शुरुआत होगी।
(लेखक टीवी पत्रकार हैं)
‘हां’ और ‘न’ की सीमाओं में बंधकर ऐसे तमाम सवालों के जवाब और इसके रोमांच से टेलीविजन दर्शक रूबरू होने को तैयार हैं- रिएलिटी शो सच का सामना के जरिए। अमेरिकी रिएलिटी शो द मूमेंट ऑफ ट्रुथ का देशी संस्करण ‘सच का सामना’ भारतीय टेलीविजन चैनलों पर रिएलिटी शो के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।
रिएलिटी शो के अतीत पर नजर डालें तो परंपरागत अंताक्षरी से लेकर नाच गाने के इंडियन आइडल जैसे तमाम कार्यक्रमों में दर्शकों को लुभाने के लिए गाने-बजाने का सहारा लिया गया। इस बीच, कौन बनेगा करोड़पति जैसा कार्यक्रम भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के कंधों पर सवार होकर पहली बार छोटे पर्दे के जरिए एक करोड़ रुपए जीतने का ख्वाब लेकर ड्राइंगरूम में दाखिल हुआ तो वो भी सफल साबित हुआ। हालांकि, इसकी सफलता में अमिताभ की आत्मीयता और संवाद अदायगी की भी बड़ी भूमिका थी।
बदलते वक्त में बिग बॉस, रोड़िस और स्पिल्ट्जवाला जैसे फूहड़ और भौंडे रिएलिटी शो ने भी टेलीविजन पर सफलता की कहानी लिखी। इन कार्यक्रमों में अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद और बेहूदा हरकतें सामान्य थीं। लेकिन, सच का सामना इन सभी रिएलिटी शो में इस मायने में बिल्कुल अलग है कि यहां प्रतियोगियों को जीत के लिए सिर्फ और सिर्फ सच बोलना है, और इसमें कोई दो राय नहीं कि सच कई बार खौफनाक होता है।
इस शो के फॉर्मेट को दिलचस्प कहा जा सकता है। इसमें प्रतियोगियों को हॉट सीट पर बैठने से पहले पॉलीग्राफिक टेस्ट (लाइ डिटेक्टर टेस्ट) से गुजरना पड़ता है। इस दौरान प्रतियोगी से ५क् सवाल पूछे जाते हैं। पॉलीग्राफिक टेस्ट के नतीजे बताए बगैर प्रतियोगियों को इन्हीं 50 सवालों में से 21 सवालों का सामना कार्यक्रम के दौरान करना होता है। लेकिन, अपने मित्र-परिजनों के सामने। ये आसान काम नहीं है। खासकर तब, जबकि सवाल निजता की सीमाएं लगातार लांघ रहे हों और हर सच मित्रों-परिजनों को आहत कर सकता हो।
अमेरिका में इस रिएलिटी शो पर कई घर बर्बाद करने का आरोप है। हॉट सीट पर बैठकर लाखों का इनाम जीतते हुए प्रतियोगियों ने कहीं अपने घर तोड़ डाले तो कहीं दिल। इस शो से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। लॉरेन क्लेरी नाम की एक प्रतियोगी से सवाल पूछने उसका पूर्व ब्यॉयफ्रेंड भी पहुंचा था। उसने पूछा, अगर मैं तुम्हारे पास लौटना चाहूं तो क्या तुम अपने पति को छोड़ दोगी। कार्यक्रम के नियम के मुताबिक, अगर कोई मित्र-परिजन जवाब न सुनना चाहता हो तो एक बार सवाल बदलने की गुजारिश कर सकता है।
लॉरेन की मित्र ने यही किया। सवाल बदला गया तो फिर पूर्व ब्यॉयफ्रेंड को ही मौका मिला। उसने पूछा, क्या मैं ही वो शख्स हूं, जिससे तुम्हें शादी करनी चाहिए थी। लॉरेन ने जवाब दिया- हां। इस जवाब के साथ लॉरेन एक लाख डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गई। उसके पति ने खेल जारी रखने को कहा क्योंकि उसे लगा कि इससे ज्यादा वो निराश नहीं कर सकती। अगला सवाल था- क्या आपने शादी के बाद किसी दूसरे शख्स से शारीरिक संबंध बनाए हैं।
लॉरेन का जवाब था- हां। इस जवाब के बाद लॉरेन और उसके पति की राहें जुदा हो गईं। लॉरेन संबंधों को गंवा लाखों डॉलर जीत चुकी थी। लेकिन, किस्मत का खेल देखिए कि अगला सवाल था- क्या आप खुद को बेहतर इंसान मानती हैं। लॉरेन ने जवाब दिया- हां। लेकिन, जवाब गलत साबित हुआ। लॉरेन खाली हाथ घर लौटी। इसी तरह, कोलंबिया में एक बार इस शो को इसलिए रद्द भी करना पड़ा, क्योंकि हॉट सीट पर बैठी महिला ने स्वीकार किया कि उसने अपने पति की हत्या के लिए सुपारी दी थी, लेकिन वो बच गया।
लेकिन, बात अमेरिका की नहीं भारत की है। मुमकिन है यहां सेक्स से संबंधित सवाल कम पूछे जाएं, लेकिन...
इनके बगैर यह खेल यहां भी पूरा नहीं होगा। फिर, निजता की सीमाएं लांघते सवाल तो यहां भी होंगे ही। सवाल यह है कि क्या भारतीय समाज ड्राइंगरूम के भीतर इन सवालों और इनके जवाबों को सुनने के लिए अब तैयार हो चुका है? सच की असल तस्वीर हालात से दिखाई देती है, लेकिन यहां सिर्फ हां और न में बंधा होगा सच। ऐसे में, क्या भारत में यह शो महज रिएलिटी शो साबित होगा या विवादों की खाद लेकर घरों और दिलों को तोड़ते हुए सफलता की नई दास्तां लिखेगा?
बात सिर्फ सच की भी नहीं है। बात झूठ की भी है। समाज को कड़ी दर कड़ी जोड़े रखने में झूठ भी गोंद की तरह इस्तेमाल होता है। लेकिन, इस रिएलिटी शो में रोज सच का विस्फोट होगा। ड्राइंगरूम में। बच्चों के बीच। हालांकि, पॉलीग्राफिक टेस्ट को अभी कानूनी मान्यता नहीं है, लेकिन इस शो की विश्वसनीयता को इसी आधार पर भुनाया जाएगा।
कई लोगों का मानना है कि भारतीय घरों के चाय के प्याले में सच का सामना अभी तूफान नहीं ला सकता। वजह यह कि भारतीय मानस अभी टेलीविजन को गंभीरता से लेता ही नहीं। भारतीय समाज की विसंगतियां भी उतनी दुश्कर नहीं हुई, जितनी पश्चिमी समाज की। लिहाजा, हमारे सच अभी उतने विस्फोटक नहीं हुए। इसके अलावा अहम बात यह भी कि इस कार्यक्रम में शिरकत कौन करता है?
इसमें कोई दो राय नहीं कि दूसरों की निजता से जुड़े सवालों का जवाब सार्वजनिक होने पर एक अलग मजा देते हैं। टीआरपी की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में इस तरह का कार्यक्रम चैनल को आगे ले जाने में मदद कर सकता है, लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि कौन बनेगा करोड़पति की तरह ड्राइंगरूम में बैठा परिवार जब हर सवाल का जवाब बुदबुदाएगा, तब वो सोच के किस पार खड़ा होगा? आखिर, 21 नितांत निजी सवालों के पार रखे एक करोड़ के इनाम का इनाम खुद को नंगा करने सरीखा नहीं होगा।
फिर, इस रिएलिटी शो के जरिए एक सवाल फिर उभार ले सकता है कि क्या ये टेलीविजन चैनलों का दिवालियापन नहीं है कि हम नकल कर एक ताले की चाबी को दूसरे में फिट कर देखना चाहते हैं। फिलहाल देखना यही है कि क्या भारतीय दर्शक सच का सामना करने के लिए तैयार हैं? अगर ऐसा हुआ तो भारतीय रिएलिटी शो के एक नए युग की शुरुआत होगी, जहां नाच गाने-शारीरिक श्रम- बौद्घिक चातुर्य से आगे जाकर निजता में सीधे सेंध लगाने की शुरुआत होगी।
(लेखक टीवी पत्रकार हैं)
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मूर्खता पूर्ण सीरिअल्स, कला और विद्या की देवी रोरही होगी,यह सब देखकर।
ReplyDeleteKaise kaise sach.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
किस ने कहा है इस मे भाग लेने के लिये , मीडिया और टी वि चैनेल वाले तो TRP कई लिये कम कर रहे है पर इस मे भाग लेने वाले भी तो पैसे और प्रसिद्दि के लिये ही तो सुब कुछ जान कर भी इस मे शामिल हो रहे है , सीरियल गलत है पर उस मे जो शामिल हो रहे है वो क्या सही है ?
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