अपनी तारिख के औराक उलट कर देखो
आगे बढ़ना है तो पीछे न पलट कर देखो
खूबसूरत सी नज़र आती है दुनिया यु तो
देखना है तो निकाब उसका उलट कर देखो
अपने इस्लाफ के अक्वाल को भूलो न कभी
भूल जाने का अगर खौफ हो, रट कर देखो
तजरबा यु भी किसी रोज़ करो जीने का
तितलियों औ ज़रा गुल से लिपट कर देखो
ऐब पर गैर के पड़ती है तुम्हरी नज़रें
अपनी जानिब भी किसी रोज़ पलट कर देखो
आगे बढ़ना है तो पीछे न पलट कर देखो
खूबसूरत सी नज़र आती है दुनिया यु तो
देखना है तो निकाब उसका उलट कर देखो
अपने इस्लाफ के अक्वाल को भूलो न कभी
भूल जाने का अगर खौफ हो, रट कर देखो
तजरबा यु भी किसी रोज़ करो जीने का
तितलियों औ ज़रा गुल से लिपट कर देखो
ऐब पर गैर के पड़ती है तुम्हरी नज़रें
अपनी जानिब भी किसी रोज़ पलट कर देखो
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर