कभी सोचता हूँ की मैं कुछ कहूँ
कभी सोचता हूँ की मैं चुप रहूँ
आप से कहूँ या किसी के बाप से कहूँ
यादेश के बिगडे हालत से कहूँ
जेल से कहूँ या हवालात से कहूँ
अपने पत्र से कहूँ या ब्लॉग से कहूँ
मन से कहूँ या दिल से कहूँ
वेग में कहूँ या आवेग में कहूँ
देश से कहूँ या वेश से कहूँ
समता से कहूँ या ममता से कहूँ
सपा से कहूँ या बसपा से कहूँ
भाजपा से कहूँ या काग्रेस से कहूँ
लालू से कहूँ या पासवान से कहूँ
सैतान से कहूँ या इंसान से कहूँ
चटका लगा कर आगे पढ़े.....
कभी सोचता हूँ की मैं चुप रहूँ
आप से कहूँ या किसी के बाप से कहूँ
यादेश के बिगडे हालत से कहूँ
जेल से कहूँ या हवालात से कहूँ
अपने पत्र से कहूँ या ब्लॉग से कहूँ
मन से कहूँ या दिल से कहूँ
वेग में कहूँ या आवेग में कहूँ
देश से कहूँ या वेश से कहूँ
समता से कहूँ या ममता से कहूँ
सपा से कहूँ या बसपा से कहूँ
भाजपा से कहूँ या काग्रेस से कहूँ
लालू से कहूँ या पासवान से कहूँ
सैतान से कहूँ या इंसान से कहूँ
चटका लगा कर आगे पढ़े.....
अम्बरीश जी अच्छा लिखा है दिल से लिखा है
ReplyDeleteदिल की आवाज़ है चीख चीख कर सुनाइए
बहुत बढ़िया !