मेरे देश में ,
अब कोई भूखा नहीं मरता।क्योंकि अब-
देश मॆं बडे बडे बिज़नेस स्कूल हैं,
शाही ठाठ-बाट से सजे,
आई आई एम व बहु राष्ट्रीय कम्पनियां हैं,
जो अरबों कमातीं हैं,
उन के कर्मचारी भी लाखों में पाते हैं ।
सरकारी कर्मचारी तो,्ड्यूटी पर विदेश जाते हैं,
ये देश में काम करते हैं,
पुरुष्कार लेने मलयेशिया जाते हैं ।
मेरे देश की चमचमाती सडकों पर,प्रतिपल-
तमाम स्कूटर,कार,टैक्सियां,फ़र्राटा भरतीं हैं, और-
पटरियों पर ,वातानुकूलित शताब्दी,राजधानी एक्स्प्रेस व-
मेट्रो दौडतीं हैं ।
मेरे देश में अब ,
बडे बडे माल,सुपर बाज़ार व
बहुमन्ज़िलीं इमारतों का मेला है।
हर जगह्कोल्ड-ड्रिन्क,ठन्डा, काफ़ी,
फ़ास्ट-फ़ूड,पिज़्ज़ा,बर्गर,आइस क्रीम व,
ब्रान्डॆड आइटम का रेलम पेला है।
टी वी,रडिओ व केबल पर,आइटम सोन्ग,व
आइटम कन्याओं का ठेलम-ठेला है ।
यहां हर गली में गुरू हैं,व हर कोई,
किसी न किसी का चमचा या चेला है ।
भूखा बही मरता है,जो-
हठेला है,
शान्त,स्वाधीन, अकेला है,
जवान का करेला है,
जिसका न कोई गुरू,
न चमचा न चेला है ।।
bahut badhiya.........shandar vyang
ReplyDeleteवन्दना जी, धन्य्वाद, आपको व्यन्ग्य पसन्द आया। आपका ब्लोग देखा ,अच्छा लिख्ररहीं हैं, आप्के पोस्ट पर ,रवि की टिप्पणी व अन्य देखीं, पोस्ट लिखॆं या न लिखॆं आदि-आदि---सुनो सबकी, गुनो मन में,आत्म विश्लेष्ण स्वयम करें, पर करें मन की-----मेरे ब्लोग देखें--shyaamsahity श्याम साहित्य ,,The world of my thoughtd ,,&drsbg.wordpress.com
ReplyDelete"" तू गाता चल ए यार ,कोई कायदा न देख,
कुछ अपना ही अन्दाज़ हो ,खुद्दारी गज़ल होती है ।""
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है