लगातार बढ रहे आतंकी हमले , लोगो की विछती लाशे अपाहिजो की बढती संख्यार लोगो को सुरक्षा देने के खोखले सरकारी वादे और पुन् हिंसा, यह चित्र है वर्तमान पाकिस्ताेन का जहॉ पिछले तीन माह मे नौ से अधिक बडे हमले हो चुके है,और 200 से अधिक लोगो की जाने जा चुकी है हजारो लोग धायल हुये है पूरे देश मे दहशत का माहौल है सबके सामने अनिश्चितता ओर भय का माहौल बना हुआ है
दहसतगर्दी का ये माहौल हमारे पडोस मे है , ये एक देश के तवाही की भूमिका है जो यह बता रही है कि पाकिस्तान की कोई भी सरकार वहॉ कानून व्यवस्था बना पाने मे समर्थ नही है, पाकिस्तान अपने ही बनाये चक्रव्यू ह मे फॅसता जा रहा है, उसने जिन दहसतगर्दो को संरक्षण देकर अपना हथियार बनाया उस हथियार का निशाना अब वह स्वयं बन रहा है , पाकिस्तान मे बढती दहसत गर्दी की घटनाये यह इशारा कर रही है कि इस्लामाबाद मे बनने वाली कोई भी सरकार वहॉ के अवाम का विश्वास हासिल करने मे असमर्थ रही है भविष्य का परिणाम यह है कि वहॉ शीघ्र ही जनता सडको पर उतर आयेगी जो कोढ मे खाज का काम करेगी, फौज से सरकार से तनाव बढेगा, सरकार यदि कटटर पंथियो पर लगाम भी लगाना चाहेगी तो जन समर्थन के अभाव मे वह असफल हो जायेगी,सरकार पर विश्वाेस कम होने का परिणाम यह भी होगा कि अवाम दहशत गर्दो की आश्रित हो जायेगी और विघटन कारी गतिविधियो मे प्रत्यक्ष परोक्ष सहयोग ही करने लगेगी, यह सब इस लिए होगा कि पाकिस्तावन ने जो बबूल का व़क्ष आतंकवाद के रूप मे लगाया है वह अब बडा हो चुका है उसके कॉटे अब अपने सबसे नजदीकी पाकिस्तान की व्य वस्थां मे चुभ रहे है, वो कॉटे हमारी जमीन पर भी आये दिन कुछ न कुछ घ़णास्पद हरकते करते ही रहते है , यहॉ का भी राजनैतिक माहौल दहशत गर्दी को समाप्त करने की मजबुत इच्छा शक्ति वाला नही है ,समय रहते सचेत होने की हमे भी आवश्यतकता है नही तो विनाश के चक्र मे फॅसने के वाद बचने की संभावना अत्यन्त क्षीण होती है,,,,
दहसतगर्दी का ये माहौल हमारे पडोस मे है , ये एक देश के तवाही की भूमिका है जो यह बता रही है कि पाकिस्तान की कोई भी सरकार वहॉ कानून व्यवस्था बना पाने मे समर्थ नही है, पाकिस्तान अपने ही बनाये चक्रव्यू ह मे फॅसता जा रहा है, उसने जिन दहसतगर्दो को संरक्षण देकर अपना हथियार बनाया उस हथियार का निशाना अब वह स्वयं बन रहा है , पाकिस्तान मे बढती दहसत गर्दी की घटनाये यह इशारा कर रही है कि इस्लामाबाद मे बनने वाली कोई भी सरकार वहॉ के अवाम का विश्वास हासिल करने मे असमर्थ रही है भविष्य का परिणाम यह है कि वहॉ शीघ्र ही जनता सडको पर उतर आयेगी जो कोढ मे खाज का काम करेगी, फौज से सरकार से तनाव बढेगा, सरकार यदि कटटर पंथियो पर लगाम भी लगाना चाहेगी तो जन समर्थन के अभाव मे वह असफल हो जायेगी,सरकार पर विश्वाेस कम होने का परिणाम यह भी होगा कि अवाम दहशत गर्दो की आश्रित हो जायेगी और विघटन कारी गतिविधियो मे प्रत्यक्ष परोक्ष सहयोग ही करने लगेगी, यह सब इस लिए होगा कि पाकिस्तावन ने जो बबूल का व़क्ष आतंकवाद के रूप मे लगाया है वह अब बडा हो चुका है उसके कॉटे अब अपने सबसे नजदीकी पाकिस्तान की व्य वस्थां मे चुभ रहे है, वो कॉटे हमारी जमीन पर भी आये दिन कुछ न कुछ घ़णास्पद हरकते करते ही रहते है , यहॉ का भी राजनैतिक माहौल दहशत गर्दी को समाप्त करने की मजबुत इच्छा शक्ति वाला नही है ,समय रहते सचेत होने की हमे भी आवश्यतकता है नही तो विनाश के चक्र मे फॅसने के वाद बचने की संभावना अत्यन्त क्षीण होती है,,,,
खुद के खोदे गड्ढे मे गिर चुका है पकिस्तान
ReplyDeleteअब बचना बहुत कठिन है
अच्छा लिखा है
खुद के खोदे गड्ढे मे गिर चुका है पकिस्तान
ReplyDeleteअब बचना बहुत कठिन है
अच्छा लिखा है