ये सिर्फ़ पाकिस्तान के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए, क्रिकेट के खेल के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है, एक बहुत बड़ी ट्रेजडी है. क्रिकेट के लिए इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता.
पाकिस्तान में आंतकवाद की त्रासदी अब राजनीतिक मंच से उठकर खेल के मैदान पर आ चुकी है. भारतीय टीम ने जनवरी का अपना दौरा यही समझकर रद्द कर दिया था कि उसके खिलाड़ी पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं होंगे, यह आशंका सही साबित हो गई है.
आज का दिन पाकिस्तान की जनता के लिए बहुत बुरा दिन है, पाकिस्तान की जनता क्रिकेट को दिलोजान से चाहती है, यह एक ऐसा खेल है जो पूरे इलाक़े को एक-दूसरे से जोड़ता है. क्रिकेट पर हमला पाकिस्तानी जनता के लिए बहुत बड़ा सदमा है.
पाकिस्तान के पाँच पुलिसवाले जान गँवा चुके हैं और श्रीलंका के मेहमान खिलाड़ी घायल हैं, यह बहुत ही अफ़सोस की बात है पाकिस्तान के लिए, पाकिस्तानियों के लिए और क्रिकेट के लिए.
पाकिस्तान में हुई यह घटना बहुत गंभीर है और आगे पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
पाकिस्तान की मौजूदा सरकार काफ़ी कमज़ोर है और तालेबान और दूसरे ऐसे लोगों से निबटना उसके लिए मुश्किल साबित हो रहा है जो देश को तबाह करना चाहते हैं और तोड़ना चाहते हैं.
इससे पहले भी न्यूज़ीलैंड की टीम जिस होटल में कराची में ठहरी थी वहाँ बम विस्फोट हुआ था जिसके बाद दौरा रद्द कर दिया गया था, सरकार और अधिकारियों को पता था कि इस तरह की घटना दोबारा हो सकती है.
पाकिस्तान की सरकार ठोस और मज़बूत क़दम उठाने होंगे तभी लोगों का यकीन वापस लौट सकेगा.
पहले ही क्रिकेट टीमें पाकिस्तान का दौरा करने से घबराती थी, इस घटना के बाद जो बुरा माहौल बनेगा उसकी वजह से पाकिस्तान में क्रिकेट का आयोजन दूभर हो जाएगा.
क्रिकेट ही ऐसा खेल है जो सरकारों की आपसी असहमतियों को किनारे रखकर दोनों देशों के खिलाड़ियों और दर्शकों को एकजुट करता है, पाकिस्तान के हालात इन दिनों जैसे हैं उसे देखते हुए यही लगता है कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कोई घटना नहीं हो सकती थी.
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पाक की नापाक हरकतों का अब अंत होने ही वाला है !
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