किसी के बहकाने पर एक दिन पेड़ ने पत्तों से कहा, 'तुम बहुत घमंडी हो गए हो और भूल गए हो की तुम्हारा अस्तित्व मेरी ही कृपा से जिन्दा है!'
पत्ते कुछ देर खामोश रहे फिर बोले, 'ऐसा नहीं है! हमारे बिना आपका भी अस्तित्व अधुरा है, यदि आप असहमत है तो हम आप से दूर हो रहे है!'इतना कहकर पत्ते एक एक करके पेड़ से गिरने लगे और पेड़ के पास एक भी पत्ता नहीं बचा ,काफी दिन गुजर गए उस पेड़ पर पत्ते नहीं हुए !तब उस पेड़ को बेजान और सूखा जानकार जड़ से काट दिया गया !
काफी दिन गुजर गए उस पेड़ पर पत्ते नहीं हुए !तब उस पेड़ को बेजान और सूखा जानकार जड़ से काट दिया गया ! ।
पत्ते कुछ देर खामोश रहे फिर बोले, 'ऐसा नहीं है! हमारे बिना आपका भी अस्तित्व अधुरा है, यदि आप असहमत है तो हम आप से दूर हो रहे है!'इतना कहकर पत्ते एक एक करके पेड़ से गिरने लगे और पेड़ के पास एक भी पत्ता नहीं बचा ,काफी दिन गुजर गए उस पेड़ पर पत्ते नहीं हुए !तब उस पेड़ को बेजान और सूखा जानकार जड़ से काट दिया गया !
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर