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उत्तर प्रदेश सरकार : प्रकृति की ओर बढ़ते कदम !




                उत्तर प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश को अनुशासित , संयमितऔर त्यागी बनाकर ही दम लेगी।  इतना ही नहीं बल्कि इसको उनके द्वारा दिए गए नाम उत्तम प्रदेश की भूमिका भी तैयार हो रही है।
                                      यहाँ  दिनचर्या शुरू करने के लिए ऋषि मुनियों  की तरह  ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालने के लिए सुबह ४ बजे  बिजली काट दो।  अच्छे अच्छे कुम्भकरण उठ जाएंगे।  प्रकृति भी उनके साथ है न - भीषण गर्मी में आदमी उठकर बाहर आ जाएगा।  अब क्या करेंगे ? कुछ प्रातः भ्रमण की सोचेंगे , कुछ लोग योग करने की और कुछ नित्य कार्य  निवृत होने की सोचेंगे.

                                      कुछ  सबसे अलग बेड टी की बजाय गार्डन टी, गार्डन  न हुआ तो टैरेस टी और वह भी न हुआ तो घर के बाहर कुर्सी डाल  कर टी का आनंद ले रहे होते हैं ।  कोई ३ घंटे बाद के  बिजली रानी को  तरस आ गया और वह पधारी तो  सब पहले टंकी भर लो और फिर पानी के काम निबटा डालो।  बस आप सब काम करके नाश्ता करने बैठे ही थे कि फिर बिजली गोल।  अब की बार ४ घंटे के लिए उससे ज्यादा हमारी मर्जी पर नहीं  है,  इतनी कटौती के बाद भी चैन से नहीं रहने देंगे क्योंकि उन्हें पूरे प्रदेश में एक जैसा माहौल चाहिए।  एक आम आदमी कहीं  से जुगाड़ करके इन्वर्टर खरीद भी लेता  है तो भी सुख चैन कहाँ ?   इन्वर्टर  दौपदी की साड़ी की तरह तो है नहीं कि कभी ख़त्म ही न हो ? वह चार्ज  नहीं  हो पाता है।अब दिन बहुरेंगे हाथ के पंखों के - जिससे प्रदेश  कुटीर उद्योग में कुछ इजाफा होगा ,  लोगों को आमदनी का एक जरिया भी मिल जाएगा।  इससे बाद भी खेतों और मजदूरी करने वालों  दुःख दर्द को समझने का अवसर भी मिलेगा।  भाई  चारे की भावना का विकास होगा।  इससे  लोगों  ध्यान सौर ऊर्जा की और आकर्षित होगा और प्रकृति की देन का पूरा पूरा उपयोग होने संभावना बढ़ जाती है।  इससे  लोगों को कुछ और रोजगार मिलाने के अवसर निकल आएंगे।  बेकारी  और गरीबी को हटाने के लिए एक नया रास्ता मिल जाएगा।
                                    अरे दोस्तों ये तो बानगी है ,  फिर से सत्ता इनके हाथ में दीजिये आप प्रकृति की गोद में ही सोयेंगे और जंगल राज्य लागू होगा।  सब बराबर   कोई  भेदभाव नहीं।  

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