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यासीन को प्लांट करने वाले खुफिया अधिकारी सुरेश की पूछताछ से खुलेगा आईएम का राज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों द्वारा आईएम के नाम पर फिरौती मांगना साबित करता है आईएम के नाम पर चल रहा फर्जीबाड़ा इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकी यासीन भटकल की नेपाल में हुयी गिरफ्तारी को सियासी नाटक करार देते हुए कहा गया है कि पूरा खेल आतंकी वारदातों में आईबी की संदिग्ध भूमिका पर उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने और आईबी की खो चुकी विश्वसनियता की पुर्नबहाली के लिए खेला जा रहा है। जिस यासीन भटकल को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बताया जा रहा है वह दरअसल आईबी का ही आदमी है जिसका इस्तेमाल खुफिया एजेंसियां इंडियन मुजाहिदीन नाम के कागजी संगठन का हव्वा खड़ा करने के लिए कई सालों से कर रही थीं और जब उसके अस्त्तिव पर चैतरफा सवाल उठने लगे तो यासीन भटकल को गिरफ्तार दिखा दिया। अब्दुल समद और उनके चचाओं समेत घर के दूसरे सदस्यों ने कहा था कि उसका नाम यासीन भटकल नहीं बल्कि मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा है।भटकल में तैनात सुरेश नाम के खुफिया विभाग के अधिकारी ने मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा, रियाज भटकल, इकबाल भटकल, मौलाना शब्बीर समेत कई युवकों को पहले अपने झांसे में फंसाया और बाद में उन्हें यह डर दिखा कर कि वांटेड हो गए हैं उन्हें भूमिगत हो जाने के लिए मजबूर कर दिया। दूसरी तरफ इन युवकों के बारे में खुफिया विभाग मीडिया में लगातार खबरें चलवाती रहीं। भटकल के तमाम लोगों ने उन्हें बताया कि खुफिया अधिकारी सुरेश जो अब मंगलूरू में तैनात हैं ने ही भटकल के नौजवानों को आईबी द्वारा गठित कथित आतंकी नेटवर्क को खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सचमुच आतंकवाद से लड़ने में गम्भीर है तो उसे सुरेश को गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए। सुरेश की गिरफ्तारी और पूछ-ताछ इसलिए भी जरूरी है कि पिछले दिनों इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में भी खुफिया विभाग के अधिकारी राजेंद्र कुमार की आपराधिक भूमिका उजागर हो चुकी है जिसे जानबूझ कर केंद्र सरकार गिरफ्तार नहीं कर रही है क्योंकि इससे आईबी की आतंकी भूमिका उजागर हो जाएगी। दूसरी ओर इशरत जहां के साथ मारे गए जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई के पिता ने भी पिछले दिनों अहमदाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर के बताया था कि उनका बेटा आईबी के लिए काम करता था। यहां गौरतलब है कि इशरत समेत मारे गए चारों लोगों को लश्कर ए तैयबा का आतंकी बता कर मारा गया था। आजमगढ़ नेता मसीहुदीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा कि यासीन के साथ आजमगढ़ के असदुल्ला के गिरफ्तार दिखाए जाने के बाद आजमगढ़ का मीडिया ट्रायल फिर से शुरू हो गया है और मीडिया साम्प्रदायिक भाषा में फिर से आजमगढ़ को बदनाम करने लगी है। उन्होंने कहा कि पहले मीडीया और आईबी के स्रोतों ने कभी तौकीर को आजमगढ़ माड्यूल का मास्टर र्माइंड बताती थी तो अब यासीन भटकल को आजमगढ़ का मास्टर माईड बता रही है। आजमगढ़ को आतंक की नसर्री के रूप में बदनाम करने वाली मीडिया और खुफिया एजेंसियों के गठजोड़ वाले माड्यूल को पहले तय कर लेना चाहिए कि कौन मास्टर माईंड है। क्योंकि हर कथित गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए शख्स को मीडिया और खुफिया एजेंसियां मास्टर माईंड और आजमगढ़ के माॅड्यूल का प्रमुख बताने लगती हैं। जिससे यह पुख्ता हो जाता है कि यह पूरा खेल खुद सरकार और मीडिया के एक हिस्से द्वारा संचालित है। मोहम्म्द शुऐब ने कहा कि जिस तरह प्रधान मंत्री की सुरक्षा में लगे जवान और बीएसएफ के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा खुद को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बता कर नोएडा स्थित एक डाॅक्टर दम्पत्ति को धमकाने और तीस लाख रूपये की फिरौती मांगी गयी से साफ हो जाता है कि पुलिस इस फर्जी आतंकी संगठन के नाम पर कैसे कैसे गुल खिला रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इंडियन मुजाहिदीन पर श्वेतपत्र लाने की मांग का। मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान पहले दिन यदि सपा सरकार ने निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं सौंपा तो विधान सभा का सत्र नहीं चलने दिया जाएगा। इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि जिस तरह तेज बारिश और पुलिस के दबाव के बावजूद अवाम ने हिस्सेदारी की उससे साफ हो गया है कि मुसलमान और इंसाफ पसंद अवाम अब आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के वादे से मुकरने वाली सपा सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हो गयी है। सुमन लो क सं घ र्ष ! लो क सं घ र्ष !: यासीन के सहारे ही आईबी ने खड़ा किया आईएम का हव्वा

यासीन को प्लांट करने वाले खुफिया अधिकारी सुरेश की पूछताछ से खुलेगा आईएम का राज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों द्वारा आईएम के नाम पर फिरौती मांगना साबित करता है आईएम के नाम पर चल रहा फर्जीबाड़ा इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकी यासीन भटकल की नेपाल में हुयी गिरफ्तारी को सियासी नाटक करार देते हुए कहा गया है कि पूरा खेल आतंकी वारदातों में आईबी की संदिग्ध भूमिका पर उठ रहे सवालों से ध्यान हटाने और आईबी की खो चुकी विश्वसनियता की पुर्नबहाली के लिए खेला जा रहा है। जिस यासीन भटकल को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बताया जा रहा है वह दरअसल आईबी का ही आदमी है जिसका इस्तेमाल खुफिया एजेंसियां इंडियन मुजाहिदीन नाम के कागजी संगठन का हव्वा खड़ा करने के लिए कई सालों से कर रही थीं और जब उसके अस्त्तिव पर चैतरफा सवाल उठने लगे तो यासीन भटकल को गिरफ्तार दिखा दिया।

  अब्दुल समद और उनके चचाओं समेत घर के दूसरे सदस्यों ने   कहा था कि  उसका नाम यासीन भटकल नहीं बल्कि मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा है।भटकल में तैनात सुरेश नाम के खुफिया विभाग के अधिकारी ने मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा, रियाज भटकल, इकबाल भटकल, मौलाना शब्बीर समेत कई युवकों को पहले अपने झांसे में फंसाया और बाद में उन्हें यह डर दिखा कर कि वांटेड हो गए हैं
उन्हें भूमिगत हो जाने के लिए मजबूर कर दिया। दूसरी तरफ इन युवकों के बारे में खुफिया विभाग मीडिया में लगातार खबरें चलवाती रहीं। भटकल के तमाम लोगों ने उन्हें बताया कि खुफिया अधिकारी सुरेश जो अब मंगलूरू में तैनात हैं ने ही भटकल के नौजवानों को आईबी द्वारा गठित कथित आतंकी नेटवर्क को खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सचमुच आतंकवाद से लड़ने में गम्भीर है तो उसे सुरेश को गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए।
सुरेश की गिरफ्तारी और पूछ-ताछ इसलिए भी जरूरी है कि पिछले दिनों इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में भी खुफिया विभाग के अधिकारी राजेंद्र कुमार की आपराधिक भूमिका उजागर हो चुकी है जिसे जानबूझ कर केंद्र सरकार गिरफ्तार नहीं कर रही है क्योंकि इससे आईबी की आतंकी भूमिका उजागर हो जाएगी। दूसरी ओर इशरत जहां के साथ मारे गए जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई के पिता ने भी पिछले दिनों अहमदाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर के बताया था कि उनका बेटा आईबी के लिए काम करता था। यहां गौरतलब है कि इशरत समेत मारे गए चारों लोगों को लश्कर ए तैयबा का आतंकी बता कर मारा गया था।
आजमगढ़ नेता मसीहुदीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा कि यासीन के साथ आजमगढ़ के असदुल्ला के गिरफ्तार दिखाए जाने के बाद आजमगढ़ का मीडिया ट्रायल फिर से शुरू हो गया है और मीडिया साम्प्रदायिक भाषा में फिर से आजमगढ़ को बदनाम करने लगी है। उन्होंने कहा कि पहले मीडीया और आईबी के स्रोतों ने कभी तौकीर को आजमगढ़ माड्यूल का मास्टर र्माइंड बताती थी तो अब यासीन भटकल को आजमगढ़ का मास्टर माईड बता रही है। आजमगढ़ को आतंक की नसर्री के रूप में बदनाम करने वाली मीडिया और खुफिया एजेंसियों के गठजोड़ वाले माड्यूल को पहले तय कर लेना चाहिए कि कौन मास्टर माईंड है। क्योंकि हर कथित गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए शख्स को मीडिया और खुफिया एजेंसियां मास्टर माईंड और आजमगढ़ के माॅड्यूल का प्रमुख बताने लगती हैं। जिससे यह पुख्ता हो जाता है कि यह पूरा खेल खुद सरकार और मीडिया के एक हिस्से द्वारा संचालित है।
मोहम्म्द शुऐब ने कहा कि जिस तरह प्रधान मंत्री की सुरक्षा में लगे जवान और बीएसएफ के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा खुद को इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी बता कर नोएडा स्थित एक डाॅक्टर दम्पत्ति को धमकाने और तीस लाख रूपये की फिरौती मांगी गयी से
साफ हो जाता है कि पुलिस इस फर्जी आतंकी संगठन के नाम पर कैसे कैसे गुल खिला रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इंडियन मुजाहिदीन पर श्वेतपत्र लाने की मांग का।
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान पहले दिन यदि सपा सरकार ने निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं सौंपा तो विधान सभा का सत्र नहीं चलने दिया जाएगा।
इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि जिस तरह तेज  बारिश और पुलिस के दबाव के बावजूद अवाम ने हिस्सेदारी की उससे साफ हो गया है कि मुसलमान और इंसाफ पसंद अवाम अब आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के वादे से मुकरने वाली सपा सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार हो गयी है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !

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