मै पलकें नीची किये बगल से गुजर जाऊंगा जब तुम
किसी पार्क में --------------.रही होगी, क्योंकि मेरे बाप का क्या जाता
है?, मै देख कर भी अनदेखा करूँगा क्योंकि, मुझसे क्या मतलब होगा?...तुम कुछ
भी करो, मै अपने काम से काम रखूँगा, जब किसी दीवार के पीछे या झाडियों की
ओट से या किसी तनहा कमरे से तुम्हारी आहट मिलेगी क्योंकि, तुम्हें अपना
भला-बुरा अच्छी तरह पता है!!..पर याद रखना मै उस वक्त भी चुप रहूँगा जब तुम
किसी के एक फोन पर उससे मिलने जाओगी इंडिया गेट, या किसी पब या बार के
बाहर जब तुम्हारे कपडे तार-तार हो रहे होंगे या जब किसी चलती बस में
तुम्हारा बालात्कार हो रहा होगा ....मुझे डर होगा कही तुम फिर मुझे अपना
रास्ता देखने की नसीहत न पकड़ा दो ..... मुझे हमेशा दुख रहेगा उन माँ-बाप के
लिए जो तुमपर भरोसा करते है...इश्वर सबको सदबुद्धि दे.
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
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--- संजय सेन सागर