''लताफत राजीव गाँधी,नफासत राजीव गाँधी ,
थे सिर से कदम तक एक शराफत राजीव गाँधी ,
नज़र आते थे कितने खूबसूरत राजीव गाँधी.''
राजीव जी का जन्म २० अगस्त १९४४ को हुआ था और राजनीति से कोसों दूर रहने वाले राजीव जी अपनी माता श्रीमती इंदिरा जी के कारण राजनीति में आये और देश को पंचायत राज और युवा मताधिकार जैसे उपहार उन्होंने दिए .आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर मैं उन्हें याद करने से स्वयं को नही रोक पाई किन्तु जानती हूँ कि राजीव जी भी राजनीति में आने के कारण बोफोर्स जैसे मुद्दे में बदनामी अपने माथे पर लगाये २१ मई १९९१ को एक आत्मघाती हमले का शिकार होकर हम सभी को छोड़ गए आज भी याद है वह रात जब १०.२० मिनट पर पापा कहीं बाहर से आकर खाना खा रहे थे और हम कैरम खेल रहे थे कि विविध भारती का कार्यक्रम छाया गीत बीच में बंद हुआ और जैसे ही एक उद्घोषक ने कहा ,''अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष....''और इससे पहले कि वह कुछ बोलता कि पापा बोले कि राजीव गाँधी की हत्या हो गयी हम चीख कर पापा से क्या लड़ते क्योंकि अगले पल ही यह समाचार उद्घोषक बोल रहा था और हमारा राजनीति से सम्बन्ध तोड़ रहा था राजीव जी के साथ हमने राजनीति में रूचि को भी खो दिया बस रह गयी उनकी यादें जो हम आज यहाँ आप सभी से शेयर कर रहे हैं हालाँकि जानते हैं कि ब्लॉग जगत में अधिकांश उनके खिलाफ हैं किन्तु हम जिनसे आज तक जुड़े हैं वे राजीव जी ही थे और वे ही रहेंगे.
श्रीमती मुमताज़ मिर्ज़ा के शब्दों में -
''रहबर गया,रफीक गया,हमसफ़र गया,
राजीव पूरी कौम को मगमून कर गया.
सदियाँ भुला सकेंगी न उसके कमाल को,
राजीव चंद सालों में वो काम कर गया.''
शालिनी कौशिक
rajeev ji ko shat shat naman .
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