जरा याद कीजिए ‘पड़ोसन’फिल्म का वह सीन जिसमें गुरू उर्फ किशोर कुमार, सुनील दत्त को गाना सिखाने की कोशिश करते हैं। या, ‘प्यार किए जा’ का वह क्लासिकल सीन जिसमें महमूद, ओमप्रकाश को अपनी फिल्म की कहानी सुनाते हैं। ‘जाने भी दो यारों’ के ओमपुरी हों या गोलमाल के रामप्रसाद-लक्ष्मण प्रसाद।
इन बातों को पढ़ते-पढ़ते ही आपके चेहरे पर हंसी खिल आई होंगी। कॉमेडी फिल्मों की तासीर ही कुछ ऐसी होती है। भारतीय सिनेमा के सौ साल के इतिहास में एक से बढ़कर एक फिल्में बनीं। एक्शन, रोमांस, हॉरर या कॉमेडी। लोग कभी सेल्युलॉयड के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाए। पीढ़ी दर पीढ़ी इसका नशा चढ़ता गया।
हम हिंदी सिनेमा के इन्हीं विषयों पर एक खास सीरिज़ लेकर आए हैं, जिसकी शुरूआत कर रहे हैं हम कॉमेडी फिल्मों से।
हमने एक्सपर्ट्स की राय और सर्वे के आधार पर 13 सबसे बेहतरीन कॉमेडी फिल्में चुनी हैं। इनकी खासियत यह है कि सभी फिल्म अपने जमाने में ट्रेंडसेटर रहीं। हम बिल्कुल यह दावा नहीं करते कि यह सूची अंतिम है। आप अपनी मर्जी से इसमें फिल्में जोड़-घटा सकते हैं। इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताएं।
इन फिल्मों के यादगार सीन्स के यूट्यूब वीडियो लिंक्स भी हम साथ में दे रहे हैं। आप पूरी फिल्म इंटरनेट पर या डीवीडी में देख सकते हैं।
1) हाफ टिकट (1962)
स्टार कास्ट: किशोर कुमार और मधुबाला
किशोर कुमार और मधुबाला की यह फिल्म 1962 में बनी थी।इसे किशोर कुमार की बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों में शुमार किया जाता है। विजय (किशोर कुमार) नामक युवक की कहानी है, जो नियमित जिंदगी नहीं जी सकता। उसके फितूरों से परेशान होकर पिता उसे घर से निकाल देते हैं।
देखें फिल्म का एक मजेदार ट्रेलर...
उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह मंबई का टिकट भी खरीद सके। वह हाफ टिकट लेता है और बारह साल के मोटे-तगड़े लड़के का वस्त्र धारण करता है।
वह ऐसा बच्चा, जिसका शरीर बड़ा हो गया है, लेकिन दिमाग किसी बच्चे का ही है। सफर शुरू होने के समय ही एक बदमाश किस्म का व्यक्ति विजय (प्राण)का चाचा बन जाता है और उसकी जेब में दो लाख का हीरा डाल देता है।
पुलिस के डर से वह ऐसा करता है। बाद में हीरा वापस लेने के लिए वह विजय के पीछे पड़ता है।
विजय की अचानक मुलाकात रजनी से होती है। वह रजनी (मधुबाला) से प्रेम करने लगता है। बाद में पता चलता है की जिस लड़की के पिता को विजय ने भगा दिया था,आशा वही लड़की है। इस तरह हंसी-मजाक में फिल्म खत्म होती है।किशोर कुमार की बहुमुखी प्रतिभा के दर्शन के लिए यह फिल्म निश्चित रूप से देखनी चाहिए।
एक्सपर्ट की राय
जय प्रकाश चौकसे:खास कॉमेडी नहीं, फूहड़ कॉमेडी
(रूमी जाफरी: जाने मने लेखक और निर्देशक):इस फिल्म में किशोर कुमार ने इतने समर्पित भाव से काम किया था कि उनकी एक्टिंग कॉमेडी फिल्मों के लिए एक मिसाल है।
2) पड़ोसन (1968)
स्टार कास्ट:सुनील दत्त, किशोर कुमार, सायरा बानो,महमूद
कहानी: इस फिल्म को बॉलीवुड की श्रेष्ठ कॉमेडी फिल्मों में शुमार किया जाता है| फिल्म की कहानी गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने को उतावले भोला (सुनील दत्त), के इर्द गिर्द घूमती है| उसका दिल चुरा बैठी है उसकी पड़ोसन बिंदु (सायरा बानो), बिंदु पर उसका म्यूजिक टीचर पिल्लई (मेहमूद) भी फिदा है|
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
इनके साथ ही फिल्म में एक और किरदार था, विद्यापति उर्फ गुरु का जिसे किशोर कुमार ने जीवंत किया| बिंदु को पटाने में यह भोला की मदद करते हैं और इसी दौरान कई दिलचस्प कॉमेडी सींस आपको हंसने पर मजबूर कर देते हैं|
एक्सपर्ट की राय
जय प्रकाश चौकसे: अद्भुत फिल्म
रूमी जाफरी:महमूद की कॉमेडी टाइमिंग बेहतरीन। किशोर कुमार अद्वितीय।
3)चुपके चुपके(1975)
स्टार कास्ट:धर्मेन्द्र ,ओम प्रकाश,अमिताभ बच्चन,शर्मिला टैगोर, जया बच्चन
ऋषिकेश मुखर्जी की 'चुपके-चुपके' (1975) हर उस सूची में शामिल होती है जो हिन्दी सिनेमा की श्रेष्ठतम कॉमेडी फिल्मों को गिनाने के लिए बनाई जाती है। मजेदार कहानी, चुस्त पटकथा, बेहतरीन संवाद और उम्दा अभिनय। इस सबके साथ ऋषिकेश मुखेर्जी का सटीक निर्देशन।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
'चुपके-चुपके' की जान थे धर्मेंद्र और ओमप्रकाश। प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी (धर्मेंद्र) इस बात से परेशान है कि उसकी नई-नवेली बीवी सुलेखा (शर्मिला) अपने जीजाजी (ओमप्रकाश) को दुनिया का सबसे चतुर इंसान समझती है और दावा करती है कि जीजाजी को कोई बुद्धू नहीं बना सकता।
परिमल जीजाजी को बुद्धू बनाने का बीड़ा उठाता है और पहुंच जाता है उनके यहां ड्राइवर प्यारेमोहन बनकर। जीजाजी ने न दामाद साहब को देखा है और न उनकी तस्वीर, सो वे आ जाते हैं झाँसे में। आगे कई ऐसे मोड़ आते हैं जो आपको हंसने पर मजबूर कर देते हैं|
एक्सपर्ट की राय
जय प्रकाश चौकसे: धर्मेन्द्र-अमिताभ की जबरदस्त कॉमेडी टाइमिंग, बेहतरीन फिल्म
रूमी जाफरी:स्क्रीनप्ले के नज़रिए से हिंदी सिनेमा की सबसे सशक्त कॉमेडी फिल्मों में से एक।
4) ‘गोलमाल(1979)
स्टार कास्ट:अमोल पालेकर, बिंदिया गोस्वामी, उत्पल दत्त, डेविड, दीना पाठक, शुभा खोटे
इस फिल्म में कलाकार अमोल पालेकर ने जुड़वां भाइयों वाला डबल रोल किया था। वहीं फिल्म की सुंदर और प्यारी सी हीरोइन बिंदिया गोस्वामी की मासूमियत भरी अदा थी तो हीरोइन के पिता के रूप में उत्पल दत्त थे। जो कि एक गर्ममिजाज शख्स थे।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
आपको बता दें कि फिल्म की कहानी बिल्कुल साधारण सी थी। मगर इसे प्रस्तुत करने के अंदाज की बदौलत ही ये फिल्म आज भी लोकप्रिय है। वैसे भी इसके लिए निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी को श्रेय जाता है।
जय प्रकाश चौकसे:साधारण कहानी, ऋषि दा का अद्भुत निर्देशन
5) चश्मे-बद्दूर(1981)
स्टार कास्ट:फारूख शेख, राकेश बेदी, रवि बासवानी, दीप्ति नवल
चश्मे-बद्दूर सई परांजपे निर्देशित शानदार रोमांटिक कामेडी फिल्म है जिसकी कहानी दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन छात्र सिध्दार्थ (फारूख शेख), ओमी (राकेश बेदी) और जय (रवि वासनानी ) के इर्द गिर्द घूमती है और गर्मी की छुट्टियो के दौरान इनके जीवन में एक लडकी नेहा (दीप्ति नवल) के आने की स्थितियो को बयां करती है।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
तीनों उसे पाना चाहते हैं और इसी जद्दोजहद में ऐसे दिलचस्प कॉमेडी सीन्स उभरकर सामने आते हैं कि आप इस फिल्म को जितनी बार देख लें बोर नहीं होंगे|
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):इस फिल्म की खासियत यह है कि इसमें कुछ भी फिल्मी नहीं। सबकुछ आस-पड़ोस सा लगता है।
जय प्रकाश चौकसे: भारतीय सिनेमा के इतिहास में बेहतरीन फिल्म
6)अंगूर:(1982)
स्टार कास्ट:संजीव कुमार, देवेन वर्मा,मौसमी चटर्जी,अरुणा ईरानी
कहानी: अंगूर ऐसी फिल्म है जिसे देखकर हास्य स्वयं ही दर्शक के अंदर से उमड़ने लगता है।गुलज़ार साब ने निर्देशक के तौर पर केवल एक ही ऐसी फिल्म बनायी है को पूर्ण रूप से कॉमेडी फिल्म है और उनका इकलौता प्रयास हिंदी सिनेमा को एक अनूठी हास्य फिल्म दे गया है|
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
फिल्म दो जुड़वाँ लोगों की कहानी है जो जन्म लेते ही बिछड़ गए थे और किस तरह परिस्तिथियां बदलती है जब वे बड़े होकर एक दूसरे के सामने आते हैं|
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):यह संजीव कुमार और देवेन वर्मा के ही वश की बात थी कि बिना लाउड हुए इस फिल्म में उन्होंने संजीदा कॉमेडी की इबारत रच दी।
जय प्रकाश चौकसे: संजीव कुमार की लाजवाब अदाकारी
7)जाने भी दो यारों(1983)
स्टार कास्ट: नसीरुद्दीन शाह, रवि वासवानी,पंकज कपूर,सतीश शाह
कहानी: यह कहानी है दो भले फोटोग्राफरों विनोद और सुधीर (नसीरुद्दीन शाह, रवि वासवानी) की, जिन्हें 'खबरदार' की संपादक शोभा (भक्ति बर्वे) खास काम सौंपती है। उन्हें बिल्डर तरनेजा (पंकज कपूर) और भ्रष्ट म्यूनिसिपल कमिश्नर डिमेलो (सतीश शाह) की मिलीभगत का भंडाफोड़ करना है।
एक दिन अनजाने में विनोद और सुधीर ऐसा फोटो खींच लाते हैं जिसमें तरनेजा एक आदमी का खून करते हुए नजर आ रहा है। खोजबीन करने पर पता चलता है कि खून डिमेलो का हुआ है। वे डिमेलो की लाश ताबूत समेत ढूँढ निकालते हैं लेकिन यह लाश जैसे एक जगह न टिकने की कसम खाकर कब्र से बाहर आई है। वह बार-बार विनोद-सुधीर के हाथ से निकल जाती है और बार-बार वे उसे फिर हथिया लेते हैं।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
फिल्म का क्लाइमेक्स तो दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देता है, जिसमें विनोद व सुधीर लाश को स्केट्स पर चलाकर, बुर्के में ढंककर एक सभागार में ले आते हैं, जहाँ 'महाभारत' का मंचन चल रहा है। पीछे-पीछे तमाम अन्य पात्र भी चले आते हैं। सबको लाश पर कब्जा करना है और लाश इधर-उधर होती हुई चीरहरण के लिए लाई गई द्रौपदी बन मंच पर जा पहुंचती है!
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):मेरी नज़र में यह ऐसी फिल्म थी जिसमें अद्भुत ब्लैक कॉमेडी है।
जय प्रकाश चौकसे:अव्वल दर्जे की कॉमेडी, कलाकारी शानदार
8)चमेली की शादी(1986)
स्टार कास्ट:अनिल कपूर,अमृता सिंह,अमजद खान,पंकज कपूर
चमेली की शादी बासु चटर्जी द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म है| फिल्म के मुख्य कलाकार अनिल कपूर,अमृता सिंह,अमजद खान,पंकज कपूर हैं|
चरणदास अपने बड़े भाई भजनदास और भाभी के साथ एक छोटे नगर में रहता है| वह बेरोजगार है और खुद को उस्ताद मस्तराम पहलवान के साथ कुश्तीबाज मानता है और पहलवान से चरणदास ने वादा की है वह चालीस साल की उम्र तक कुंवारा रहेगा|लेकिन जब चरणदास की मुलाकात स्कूल की एक छात्रा चमेली से होती है तो वह उसे चाहने लगता है|
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
दोनों एक दूसरे को बेहद पसंद करने लगते हैं, साथ घूमने जाते हैं, प्रेम पत्र लिखते हैं और शादी करने का फैसला करते हैं| लेकिन चमेली के माता पिता चमेली की शादी वकील माखन से करना चाहते है जो उन्ही की जात का है| परिस्तिथियाँ बिगड़ने लगती हैं और अब चरणदास को फैसला करना है कि वह पूरी उम्र मजनू बनकर जीना चाहता है या पृथ्वीराज चौहान बनकर अपनी चमेली को सबके बीच से भगा ले जायेगा| फिल्म में सीए इतने रोचक तरीके से फिल्माया गया कि दर्शक हंसते-हंसते लोट-पोट हो गए|
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):अनिल कपूर का वर्सेटाइल टैलेंट दिखा। अमृता के साथ उनकी केमेस्ट्री लाजवाब थी।
9) अंदाज अपना-अपना (1994) :
स्टारकास्ट:सलमान खान, आमिर खान, रवीना टंडन,करीना कपूर
कई बार देखने पर भी यह फिल्म बोर नहीं करती। आमिर-सलमान की कैमेस्ट्री खूब जमी। इस फिल्म में आमिर के अंदर का हास्य अभिनेता उभरकर सामने आया।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
विनय सिन्हा ने 1994 में सलमान और आमिर को लेकर ‘अंदाज अपना अपना’ का निर्माण किया था। इसके निर्देशक थे राजकुमार संतोषी। इस फिल्म को ‘बॉम्बे टू गोवा’ और ‘पड़ोसन’जैसी हास्य फिल्मों की तर्ज पर खास स्थान प्राप्त है।
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):आमिर-सलमान की कैमेस्ट्री खूब जमी।
10) हेरा फेरी (2000)
स्टार कास्ट:अक्षय कुमार, परेश रावल, सुनील शेट्टी,तब्बू, ओम पूरी, असरानी, मुकेश खन्ना
हास्य के दौर मे, गंभीर फिल्मों के लिए जाने जाने वाले प्रियदर्शन ने भी दर्शकों को एक हास्य फिल्म दी है, एक ऐसी फिल्म जो रोते को भी हँसने पर मजबूर कर देगी |
फिल्म की कहानी दिलचस्प है जो राजू(अक्षय कुमार), श्याम(सुनील शेट्टी), बाबूराव(परेश रावल) और अनु(तब्बू) के इर्द गिर्द घूमती रहती है | चारों ऊपर से नीचे तक कर्ज़े मे डूबे हुए है और जिंदगी बसर करने के लिए उन्हे पैसों की सख़्त ज़रूरत है | श्याम और राजू बाबू राव के घर पर किरायदार की तरह रहते है |
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
फिल्म की कहानी सिर्फ़ एक ग़लत फोन कॉल पर टिकी है | पर प्रियदर्शन का निर्देशन दर्शकों को कुर्सी से बाँधे रखने मे ना सिर्फ़ सफल होता है पर उन्हे 3 घंटे तक गुदगुदाने को मजबूर कर देता है |
एक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):पहली बार सुपरस्टार्स ने मध्यमवर्गीय परिवेश में कॉमेडी की। परेश रावल लाजवाब।
11)मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003)
कलाकार:संजय दत्त, ग्रेसी सिंह,सुनील दत्त, बोमन ईरानी
'मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस' के बाद जादू की झप्पी बंटने लगी। सोशल डिक्शनरी में 'मामू', 'रुलाएगा क्या', 'बोले तो', 'सर्किट' और 'गुड मार्निंग मुंबई' जैसे शब्द एड हो गए। लोगों को इस फिल्म में संजू बाबा का बिलकुल अलग अंदाज देखने को मिला और यह हिंदी सिनेमा की श्रेष्ठ कॉमेडी फिल्मों में शुमार हो गई|
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीनएक्सपर्ट की राय (रूमी जाफरी):राजकुमार हीरानी बेहद संजीदा बात को बहुत हल्की-फुल्की कॉमेडी में कहने का हुनर रखते हैं।
12)भेजा फ्राई (2007)
स्टार कास्ट- रजत कपूर, विनय पाठक, सारिका, मिलिंद सोमन, रणवीर शौरी
स्मॉल बजट की इस कॉमेडी फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने ना सिर्फ अच्छी-खासी कमाई की बल्कि इसके सिक्वल भी बने। यह फ्रेंच फिल्म की रीमेक थी।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
इस फिल्म की कहानी म्यजिक प्रोड्यूसर रणजीत और उनकी सिंगर बीवी शीतल के इर्द-गिर्द घूमती है। रणजीत अपने दोस्तों के साथ हर शुक्रवार को एक पार्टी करते हैं जिसमें वह किसी ऐसे को पकड़ लाते हैं, जो ज्यादा टैलेंटेड नहीं है।
लेकिन, ये लोग उनको बहुत टैलेंटेड बताकर खूब मजा लेते हैं। ऐसे ही एक दिन रणजीत के दोस्त की मुलाकात इंकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक इंस्पेक्टर भारत भूषण से होती है, जो सिंगर बनना चाहते हैं। शुक्रवार को होने वाली पार्टी में अब भारत को बुलाया जाता है। उसके बाद इस कॉमेडी फिल्म में बहुत सारी ऐसी घटनाएं होती हैं कि दर्शक हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाते हैं।
13) इडियट्स (2009)
स्टारकास्ट: आमिर खान, शर्मन जोशी,आर माधवन, करीना कपूर
कहानी : 45 वर्ष के आमिर ने 20 वर्ष के स्टुडेंट की भूमिका निभाई। रणछोड़दास श्यामलदास चांचड़ के रूप में उन्होंने ऐसा अभिनय किया जो क्रिटिक्स से लेकर आम दर्शकों तक को खूब भाया। ‘3 इडियट्स’ का नाम भारत की सफलतम फिल्मों की सूची में दर्ज हो गया।
देखिए फिल्म का एक मज़ेदार सीन
मनोरंजन के साथ-साथ एजुकेशन सिस्टम पर इस फिल्म के जरिये सवाल उठाए गए। इस फिल्म में आपको सबसे ज्यादा हंसाने वाला कोई ‘इडियट’ नहीं बल्कि ‘चतुर’ था मतलब चतुर रामलिंगम।
'चतुर' इस फिल्म का एक ऐसा किरदार है जिसके बिना फिल्म की कहानी अधूरी है। वो किरदार जिसने दर्शकों को सबसे ज्यादा हंसाया। जिसके जुबां खोलने भर से दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। फिर चाहे उसका हिंदी का ज्ञान हो या फिर उसके रटने की पावर। हर किरदार में SILENCER रहे सबसे फिट।
एक्सपर्ट की राय
जय प्रकाश चौकसे:कॉमेडी के जरिए सामाजिक संदेश, जबरदस्त फिल्म
(रूमी जाफरी):राजकुमार हीरानी बेहद संजीदा बात को बहुत हल्की-फुल्की कॉमेडी में कहने का हुनर रखते हैं।
साभार:दैनिक भास्कर डोट कॉम
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर