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किस महिला व्यक्तित्व ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है ?

                        


वर्ष २०११ समाप्ति की और है .वर्ष भर अनेक नारी व्यक्तित्वों ने समाज-राष्ट्र -विश्व  के नव-निर्माण में महत्वपूर्ण  भूमिका निभाई है .आप  को  किस   महिला   व्यक्तित्व ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है ? यदि आप इस'' भारतीय नारी ''ब्लॉग के योगदानकर्ता  नहीं भी हैं तब भी आप अपनी  राय  मुझे  ''shikhakaushik666@hotmail '' पर प्रेषित करें .आपकी पोस्ट मैं इस ब्लॉग पर प्रकाशित कर दूँगी .
भारतीय नारी ब्लॉग पर दिसंबर माह में  चर्चा का  मुख्य विषय  रहेगा -

''वर्ष २०११ में किस नारी व्यक्तित्व ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया ?
*ये राष्ट्रीय  व्यक्तित्व भी हो सकता है और अंतर्राष्ट्रीय भी 
*ये राजनैतिक,सामाजिक ,अभिनय -जगत ,साहित्य जगत; ब्लॉग जगत  किसी से भी सम्बंधित हो सकती हैं .
सभी सम्मानीय योगदानकर्ताओं से आग्रह है कि एक पोस्ट इस विषय पर जरूर प्रकाशित करें .
                                                      शिखा कौशिक 

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा