Skip to main content

रामदेव को 'खदेड़ने' पर पुलिस का जवाब तैयार, फिर 'सत्‍याग्रह' की तैयारी

नई दिल्‍ली. 5 जून को रामलीला मैदान से रामदेव और उनके समर्थकों को ताकत के बल पर क्‍यों खदेड़ा गया? दिल्‍ली पुलिस ने इसका जवाब तैयार कर लिया है। संभव है कि शुक्रवार तक यह जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया जाए। वैसे, कोर्ट ने इसके लिए 20 जून तक का समय दिया है।

सूत्र बताते हैं कि गुरुवार को देर रात तक वकीलों के साथ माथापच्‍ची कर जवाब तैयार किया गया है। बताया जाता है कि 25 पन्‍नों का यह जवाब होगा और इसमें कही गई बातों को मजबूत करने के लिए जरूरी दस्‍तावेज लगाए जाएंगे। सूत्र यह भी बताते हैं कि रामलीला मैदान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज की सीडी भी बनाई गई है।

सूत्र बताते हैं कि जवाब में कहा गया है कि उस रात 1 बजे पुलिस के वरिष्‍ठ अफसरों ने रामदेव से संपर्क किया था। यह बताने के लिए कि रामलीला में लोगों के जमावड़े को गैरकानूनी करार दिया गया है। पुलिस ने 2.20 मिनट पर पहली बार कार्रवाई की और वह भी तब जब खुद उन पर हमला हुआ।

उधर, बाबा रामदेव शांतिपूर्वक 'दूसरे सत्‍याग्रह' की तैयारी कर रहे हैं। उनका भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आंदोलन भले ही सरकार द्वारा बुरी तरह कुचल दिया गया हो और उन्‍हें बिना किसी सफलता के नौ दिन बाद अनशन तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा हो, लेकिन वह यह संकेत नहीं जाने देना चाहते कि उनका आंदोलन खत्‍म हो गया है या वह पीछे हट गए हैं। उनकी ओर से 'भ्रष्‍टाचार मिटाओ सत्‍याग्रह' के दूसरे चरण की तैयारी है। हालांकि इस बारे में अभी इससे ज्‍यादा कुछ भी नहीं बताया गया है कि यह चरण 'जल्‍द ही' शुरू होगा। इसके लिए लोगों से जुड़ने का आह्वान जरूर किया गया है।

भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की वेबसाइट पर बाबा रामदेव और आचार्च बालकृष्‍ण की तस्‍वीरों के साथ लोगों को बताया गया है कि भ्रष्‍टाचार मिटाओ सत्‍याग्रह का दूसरा चरण जल्‍दी ही...उन्होंने आह्वान किया है, हो जाओ तैयार, भ्रष्टाचार मिटाओ आंदोलन का दूसरा चरण जल्दी ही शुरु होगा। इसके लिए लोगों से खुद को साइट पर रजिस्‍टर्ड कराने के लिए कहा गया है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि रामदेव ने अंतिम सांस तक आंदोलन जारी रखने का संकल्‍प लिया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि मांगें माने जाने तक देश के सभी जिलों में सत्‍याग्रह जारी रहेगा।

बाबा जिस तरह केवल नौ दिन अनशन खत्म कर 'मौन और आराम' में चले गए हैं, इससे उनके कई समर्थकों में निराशा है। वेबसाइट पर कुछ लोगों की टिप्‍पणियों से भी यह साफ झलकता है। भिवानी से दिलीप सिंह चौहान ने लिखा कि बाबा ने काले धन का मुद्दा उठाया वह सराहनीय है, लेकिन कुछ गलत निर्णयों से छवि खराब हुई है। चौहान ने बाबा से कांग्रेस और बीजेपी, दोनों से सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि उन्हें बेहतर कूटनीति से काम करना चाहिए। हालांकि साइट पर ब्लॉग में बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने बाबा पर विश्वास व्यक्त किया है।

Comments

  1. इंतज़ार है देखते है आगे क्या होता है।

    ReplyDelete
  2. I wanted to thank you for this great read!! I definitely enjoying every little bit of it Smile I have you bookmarked to check out new stuff you post.

    best seo services

    seo resources

    funny sms

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा