Skip to main content

रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....शायद यह मेरी पहली और आखरी विवादित पोस्ट हो


रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....शायद यह मेरी पहली और आखरी विवादित पोस्ट हो

रोज़ सुलगने से अच्छा है धूं धूं कर जल जाने दो ....पढने में यह कथन बहुत, बहुत बहतरीन, और मधुर लगते है, हम समझते हैं के खुद को उंचा उठाने के लिए किसी दुसरे को नीचा गिरा दो, हम ऊपर उठ जायेंगे ,हम खुद अपने मुंह मिया मिट्ठू बन कर, सोचते हैं के हम धार्मिक है , हम राष्ट्रभक्त है ,हम धर्म निरपेक्ष है और हम उदार है ,किसी को भी गाली बक कर, या नीचा दिखा कर, कभी कोई महान नहीं हुआ है ,ऐसे लोगों को हमारे धर्म पुराणों में ,राक्षस ही कहा गया है, यह सब काम किसी धर्म से जुड़े लोगों के नहीं थे बलके रावण,कोरव , कंस , फिरओन जेसे ना जाने कितने लोग थे जो राक्षस थे और उन्हें इश्वर ने सुधार का अवसर दिया कई वाणिया भेजीं लेकिन उनका अंत सबके सामने है, खुदा करे हम ऐसे राक्षस जो सो कोल्ड यानी खुद अपने मुंह मिया मिट्ठू राष्ट्रवादी,इमानदार,चरित्रवान,धर्मप्रेमी और उदार पुरुष ना बने ,क्योंकि इस युग में ऐसे राक्षस बनने से तो मोंत बहतर है ................

दोस्तों, मेरी यह कोरी बकवास ,उबाऊ जरुर लग रही होगी ,लेकिन कुछ दिन पहले हल्ला बोल के नाम से बने एक  ब्लॉग के, मेरे अपने प्यारे भाई का संदेश, जब मुझे मिला ,तो में गद गद हो उठा ,और एक राष्ट्रप्रेमी के नाते में इस ब्लॉग पर गया ,पता चला के अनुभवी और राष्ट्रीयता सोच रखने वाले मेरे भाई मदन शर्मा ,विश्वजीत .अजयसिंह इस ब्लॉग के सहयोगी है इस ब्लॉग के मालिक कोन है, मुझे पता नहीं ,लेकिन साइबर इन्वेस्टिगेशन ट्रिक से मेने किस आई डी से यह ब्लॉग बनाया गया है और चलाया जा रहा है ,पता लगाया ,तो में खुश हुआ ,मेरे अपने एक भाई का यह ब्लॉग है ,में जानता हूँ के इस ब्लॉग को तय्यार करने के पहले ,उनकी भावना राष्ट्रवाद का भाव पैदा करना था, और धर्म की शिक्षा को जन जन तक पहुंचाना था ,लेकिन मुझे मेरे भाई भटकाव लगा और इसीलियें कुछ कडवे मीठे अनुभव में इस विवादित पोस्ट के माध्यम से बाँटने निकल पढ़ा , मेरे भाई अगर हर हिन्दू अच्छा होता तो देश में ऐ राजा जी का टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला नहीं होता ,निर्दोषों की हत्या नहीं होती , निर्दोषों की हत्या करने के लियें धार्मिक स्थलों पर बम नहीं फेंके जाते ,गाँधी की हत्या हिन्दू के हाथों नहीं होती ,राजीव गाँधी की हत्या हिन्दू के नाते नहीं होती अभी हाल ही में जो फोजी जासूस  मेरे हिन्दू भाई पकड़े गए है वोह हिन्दू नहीं होते ,तो दोस्तों मुसलमान भी अगर दूध  के धुले होते तो देश में नफरत का माहोल नहीं प्यार का माहोल होता आज बुरे हिन्दू समाज में भी है तो मुस्लिम समाज में भी है मुझे बताओ कसाब का समर्थन करने कोन आया , मुझे बताओ देश के आज़ादी से अब तक खरबों रूपये के घोटाले ,किस धर्म से जुड़े लोगों ने किये ,देश में मिलावट जमाखोरी कोन कर रहा है, देश का सबसे बढ़ा कत्ल खाना मेरे किस हिन्दू भाई का है ,मुझे बताओ कोन लोग है जो देश के राष्ट्रगान जन गन मन को गाने से इनकार करते है,,कोन लोग है जो इस राष्ट्रगान से पहले अपना गान गाते है , मुझे  बताओ ,कोन लोग है जो तिरंगे से ज्यादा अपने झंडे को अहमियत देते हैं अगर आपको पता नहीं है तो जरा सोचो चिंतन करो खुद समझ में आ जाएगा ...
मेरे भाई अगर आपको तिरंगे से ज्यादा दुसरे रंग के झंडे से प्यार है तो आप ना तो हिन्दुस्तानी है और ना ही हिन्दू या मुसलमान है.अगर आप देश के राष्ट्रगान से ज्यादा किसी दुसरे गायन को तरजीह देते है तो आप चाहे  हिन्दू हो चाहे मुसलमान कभी इंसान नहीं हो सकते, अगर आप देश के संविधान से ज्यादा किसी अपने नियम कायदे को तरजीह देते हो, संविधान के खिलाफ अपने भाइयों में नफरत का ज़हर घोलते हो तो फिर जनाब आप या में कोई भी चाहे हिन्दू हो चाहे मुसलमान हों, इन्सान नहीं हो सकते हम ,तो बस राक्षस जो रावण,फिरओंन ,कंस,कोरवों के कोई वंशजों में सो हो सकते हैं  ऐसे राक्षस लोग कुरान और गीता पढने वाले हिन्दू और मुसलमान  कभी नहीं हो सकते ....मेरे भाई जरा तलाश करो एक भी मुसलमान ,जो कुरान के कायदे पर चलता हुआ सो फीसदी मिल जाए, मेरे भाइयों जाओ तलाश करो और लाओ ऐसा एक हिन्दू भाई जिसके आचरण में गीता भरी हुई हो ,जो सच्चा हिन्दू मुसलमान हो ...में जब भी अपने गिरेबान में झाँक कर देखता हूँ तब में स्वीकार करता हूँ के में अब तक कुरान की हिदायतों के अनुसार सच्चा मुसलमान नहीं बन सका और शर्म से मेरा सर झुक जाता है ...लेकिन दोस्तों मुझे गर्व है के में जब भी खुद को देश के कायदे कानून संविधान की पालना में  झाँक कर देखता हूँ ,तो खुद को एक सच्चा देशभक्त मानता हूँ ,,जरा आप भी खुद अपने आपको, अपने ,अपने धर्म के आयने में धर्मग्रन्थों के निर्देशों की पालना में ,देखो और खुद को ,सुधारने का प्रयास करो क्यों जानवर बनते हो जरा इंसान तो बन लो यारों ....
दोस्तों हल्ला बोल एक हिदू ब्लॉग बनाने का प्रयास किया लेकिन उसमे महाभारत की धुन गीता की याद दिलाती है, गीता की शिक्षा की याद दिलाती है ,इस ब्लॉग पर मर्यादित पुरुषोत्तम भगवान राम की तस्वीर याद दिलाती है के एक शक्तिशाली व्यक्ति जिसकी पत्नी का कोई अपहरण करके ले गया ,वोह अगर चाहते तो एक मिनट में प्रलय बाण छोड़कर सभी को  तबाह कर सकते थे ,लेकिन वोह मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उन्होंने अपने पुत्र,पति,भाई होने का धर्म निभाया ,तो दुश्मन से भी मर्यादित आचरण से युद्ध किया, देश के शासन में उन्होंने खुद को मर्यादित रख कर ,पत्नी और बच्चों को वनवास दिया ,आज तुम्हारे या मुझ में ऐसा मर्यादित आचरण है अगर हम इस मर्यादित आचरण को त्याग कर एक दुसरे पर कीचड़ उछालते है ,तो थू है हम पर ,,,हम मर्यादा पुरुषात्तम भगवान राम के आचरण का अगर थोड़ा हिस्सा भी ग्रहण कर  लें तो जनाब यह देश तो वेसे ही सुधर जाएगा .....हम कांपते हांथो से अगर यह लिखते है के में हिन्दू हूँ में शाश्वत हूँ एक में ही सच हूँ जो लोग मेरा विरोध करते है वोह दुश्मन है धर्म के दुश्मनों का विनाश करना मेरा मकसद है तब यह सब पढ़कर मेरे जेसे लोग मन ही मन मुस्कुराते है वोह सोचते हैं के देश में हिन्दू धर्म नहीं संस्क्रती है इतिहास गवाह है और सुप्रीमकोर्ट ने भी कहा है के यहा कोई भी किसी भी धर्म से जुडा व्यक्ति रह रहा है वोह हिन्दू है और हिन्दू सिन्धु घाटी के पास की एक सभ्यता है जिसे अंग्रेजों ने उच्चारण बिगाड़ कर सिन्धु को हिन्दू कर दिया ...धर्म तो सनातन है धर्म तो इस्लाम है मुस्लिम धर्म नहीं मुस्लिम तो इस्लाम को मानने वाले इस्लाम को जानने वाले लोग है और जो लोग इस्लाम धर्म का अनुसरण करते हैं वोह मोमिन है, तो दोस्तों धर्म के चक्कर में हम ना पढ़े ,अपना खून  निकाल कर देखे अपनी गीता अपना कुरान निकाल कर देखे कोई भी धर्म जमाखोरी करने ,मिलावट करने, बेईमानी करने ,निर्दोषों की हत्या करने ,अराजकता फेलाने ,एक दुसरे से अभद्रता करने एक दुसरे को नीचा दिखाने, कडवा बोलने ,भ्रस्ताचार फेलाने की इजाज़त नहीं देता, हर धर्म अपनी नेतिक शिक्षा से लोगों को बांधता है और ऐसे में अगर में किसी दुसरे के धर्म को बुरा बताकर उसे ललकारता हूँ उसे मानने वालों को फटकारता हूँ, तो मुझसे बढ़ा राक्षस मुझसे बढ़ा अधर्मी कोई और दुसरा हो ही नहीं सकता यानी कोई भी धार्मिक व्यक्ति अगर किसी दुसरे के धर्मे और उसके मानने वालों के सम्मान को ठेस पहुंचाता है तो वोह इंसान नहीं जानवर है धार्मिक नहीं अधर्मी है शायद आप सभी मेरी बात से मुताफ्फिक होंगे ...............एक ब्लॉग पर अगर यह लिखा जाये के देश भक्त हिन्दू ब्लोगरों का सांझा मंच तो लाओ एक हिन्दू एक मुसलमान जो धर्म के सो फीसदी नियमों पर चल रहा हो ,तो तलाश कर ले आओ , जाओ एक भी देशभक्त जिसने देश के कभी किसी कानून का उलंग्घन नहीं किया हो ,जिसने देश में कोई अपराध होते वक्त इसकी सूचना एक अच्छे नागरिक की तरह सरकार तक पहुंचाई है, अपना अपराध करे तो कोई बात ,नहीं दुसरा अपराध करे तो गद्दारी है यह दोहरे मापदंड ही है जो हमारे देश को बर्बाद करने पर तुले हैं हमारी नफरत पाकिस्तान से हो सकती है लेकिन सभी मुसलमानों से हम नफरत करते है तो क्या हम खुद को मर्यादित पुरुषोत्तम भगवान राम के अनुसरण करता कह सकते है हम खुद सोच लें के हमारे ब्लॉग भारत हिदू महासभा के कुल १८ फोलोव्र्स है जबकि हल्ला बोल जो बहुत बहुत मर्यादित है भगवान पुरुषोत्तम राम की सुन्दर तस्वीर के दर्शन और फिर महाभारत की कहानी की झंकार उसमें शामिल है लेकिन इसके फोलोवार्स ५६ है जो मुस्लिम भाई किसी के धर्म को बुरा लिखते हैं उनके टिप्पणीकार गुस्से में हिन्दू भाई ज़्यादा होते है को भी मुसलमान उसको समर्थन नहीं देता है तो जनाब यह है राष्ट्रीयता ,जहां बुराई का तिरस्कार किया जा रहा है ,बुरे का बहिष्कार किया जा रहा है ,अरे यारों गद्दार तुम में भी  हैं गद्दार हम में भी है ,लेकिन हम एक दुसरे को नीचा दिखाने की जगह इस मुल्क के बारे में सोचे इस देश के बारे में सोचे तुम्हे और हमे इस नासमझी की लड़ाई उलझाकर जो लोग देश लूट रहे है , जासूसी कर रहे है ,गद्दारी कर रहे है वोह हममे से हों चाहे तुममे से हो गला पकड़ कर उसे बेनकाब करो  और विश्व के एक अकेले हिदुवादी संस्क्रती के रक्षक मेरे इस हिन्दुस्तान को बचा लो यारों .............मुझे गर्व है मेरे भाई मदन  जी शर्मा ,विश्वजीत ,और अजयसिंह पर मुझे गर्व है मेरे हल्ला बोल ब्लॉग बनाने वालों पर मुझे गर्व है भारत हिद महासभा ब्लॉग चलाने वालों पर जो देश को एक नई राष्ट्रीयता की दिशा देना चाहते है और उन्होंने किसी सनातन धर्म या इस्लाम धर्म के लोगों को नहीं पुकारा उन्होंने तो राष्ट्रवाद के लियें राष्ट्रीयता के लियें , मेरे भारत को महान बनाने के लियें, मिली जुली गंगा जमना संस्क्रती के हिन्दू संस्क्रती से जुड़े हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई,जेन सभी लोगों को पुकारा है और हम सब पूर्व में लिखित शर्त्तों के तहत आप लोगों के साथ हैं ...............अरे यारों कुछ नहीं धरा है मारकाट नफरत में आगे बढो एक दुसरे गले मिल जाओ खुशहाली लाओ  आपका स्वागत है भाइयों क्यों ऐसा करोगे ना प्लीज़  प्लीज़ ....... .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

  1. अगर आपको तिरंगे से ज्यादा दुसरे रंग के झंडे से प्यार है तो आप ना तो हिन्दुस्तानी है और ना ही हिन्दू या मुसलमान है.अगर आप देश के राष्ट्रगान से ज्यादा किसी दुसरे गायन को तरजीह देते है तो आप चाहे हिन्दू हो चाहे मुसलमान कभी इंसान नहीं हो सकते

    इतिहास गवाह है और सुप्रीमकोर्ट ने भी कहा है के यहा कोई भी किसी भी धर्म से जुडा व्यक्ति रह रहा है वोह हिन्दू है और हिन्दू सिन्धु घाटी के पास की एक सभ्यता है जिसे अंग्रेजों ने उच्चारण बिगाड़ कर सिन्धु को हिन्दू कर दिया ...धर्म तो सनातन है

    sarthak lekh ,truth needs no explanation
    lekin ye bhi sach hai ki aap jaisi soch vale bahut hi kam hai khaskar Kattar dharmik logon mein ya yun kaho dharmandh logo mein

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा