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jay ho ![part-3]

ब्लॉग जगत में महिला चिट्ठाकारों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है .आशा है कि सभी महिला चिट्ठाकार अपने सार्थक लेखन से चिट्ठाजगत को ऐसे ही समृद्ध करती रहेंगी -

''आओ करें वंदना उस देवी की
जिसकी नूतन दीपशिखा ने जग-चमकाया .

आज देख 'asha ' का 'savita'
'ada' -'sada' हैं अति 'mudita ',
उधर 'purnima' बिखराती 'jyotsna'
'deepti'पूर्ण हो रही है 'meena',
'kshama' -'anupma' करती हैं चिट्ठों की 'archna'
'meenakshi'-'' के चिट्ठें 'divya'-'nirmala',
'शिखा'-'शालिनी' की है कामना दूर सभी भय हो ,
बढें सफलता -पथ  पर  हम 
   '''नारी की जय हो !'' 
[कविता में वर्णित महिला चिट्ठाकारों के ब्लॉग पर जाकर उन्हें उत्साह वर्धन करें .हम प्रोफाइल पर जाकर चिट्ठाकार द्वारा बनाये   गए ब्लॉग में से किसी भी एक ब्लॉग का लिंक यहाँ दे रहें हैं .यदि कोई त्रुटि रह जाये तो हम क्षमाप्रार्थी   है .इसे अन्यथा न लें .हमारा उदेश्य महिला चिट्ठाकारों के नाम से चिट्ठाजगत को परिचित कराना मात्र है .जो भी त्रुटि हो टिप्पणी के माध्यम से बताएं .]
 लेखिका-shikha kaushik
सहायिका- shalini kaushik .

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

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