हिन्दुस्तान का दर्द का निर्माण वैचारिक आदान प्रदान के उद्देश्य के लिए किया गया है तो जायज सी बात है की हम चाहते है की इस दिशा में कार्य भी हो,अभी कुछ महीनो से देखने में आ रहा है की कुछ लेखक किस्म के लोगों ने इसकी सदस्यता तो ले ली है लेकिन विचारों के नाम पर वे किसी भी वेबसाइट से उठाकर किसी भी प्रकार की बेतुकी ख़बरों को पोस्ट बनाकर ड़ाल देते है नतीजा ब्लॉग पर आने वाली सामग्री के प्रति लोगों में बढता अविश्वास.
हम चाहते है की अगर आपके पास विचारों के नाम पर कुछ नहीं है तो कृपा कर इस ब्लॉग की सदयस्ता से बाज आयें !
मैं इस पोस्ट में उन लेखकों के नाम लेना नहीं चाहता लेकिन चाहता हूँ की बह स्वयं ही खुद में सुधार करने की कोशिश करें, साथ ही साथ इस बात से भी परहेज करें की इस ब्लॉग का उपयोग किसी व्यक्ति विशेष की प्रसिद्धि या अन्य ब्लोगों की प्रसारित को बढाने के लिए ना किया जाएँ !
बहुत जल्द हिन्दुस्तान का दर्द के रंग रोगन में कुछ सकारात्मक बदलाब किये जाने है जिसके बाद ब्लॉग में कुछ और सुबिधाओं को देखा जा सकेगा,साथ ही साथ इस बात पर भी विचार किया जा रहा है की कुछ लेखकों की सदयस्ता को समाप्त कर दिया जाएँ,इसे आप हमारा अभिमान ना समझे इस ब्लॉग की महत्वता को बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है!
आज बस इतना ही फिर मिलते है बहुत जल्दी...
आपका
संजय सेन सागर
आज बस इतना ही फिर मिलते है बहुत जल्दी...
आपका
संजय सेन सागर
snjay bhaai jo hum jnab kaa . akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteमैं आपको शब्दों को समझ नहीं पा रहा हूँ.स्पष्ट लिखें
ReplyDeletebahut sahi faisla liya hai aapne .badhai
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