Skip to main content

महिला दिवस महिला दिवस चारों तरफ महिला दिवस

महिला दिवस महिला दिवस चारों तरफ महिला दिवस हे न अजीब दास्ताँ जिस देश में म्हिअओं को पूजना चाहिए वहां महिलाओं को न्याय के लियें भटकना पढ़ता हे उनको अपने परिजनों की सुरक्षा का मोहताज रहा पढ़ता हे और जो इस मर्यादा का उल्न्न्घन करती हे वोह महिलाएं समाज में तिरस्कृत हो जाती हें .
एक दिन के लियें मुझे गुजरात सुरत जाना पढ़ा में ब्लोगिंग की दुनिया से मिस्टर इंडिया हो गया और कोटा जब पहुंचा तो य्हना महिला दिवस मनाया जा रहा था अखबार महिलाओं के फोटू छाप रहे थे सरकार बीएस में मुफ्त यात्रा करा रही थी और मेरे ब्लोगर भाई महिलाओं के प्रति अपने सच्चे अच्छे कडवे मीठे अनुभव बाटने में लगे थे सब एक दुसरे को टिप्पणियाँ  दे रहे थे बढियाँ दे रहे थे चर्चा में महिला दिवस की ख़ास भूमिका थी , मेने मेरा ब्लॉग खोला तो बस तकनीकी परेशानी थी मेने डोक्टर अनवर जमाल साहब से गुजारिश की तो जनाब वोह भी महिला वर्ष को आदर्श दिवस मना रहे थे उनका जवाब था में तो पत्नी के घुटनों में दर्द हे उनकी पिंडलिया दाब रहा हूँ उनकी सेवा कर रहा हूँ , जमाल  भाई का सुझाव था के भाई यह काम मासूम भाई खूबी से अंजाम दे सकते हें अभी इन जनाब ने एक ब्लोगर बहन के ब्लॉग की मरम्मत की हे  मेने मासूम भाई को महिला दिवस पर महिलाओं के सहयोग के लियें मुबारकबाद दी और फिरे मेरे लियें मदद की दरख्वास्त की दो मिनट बाद उन्होंने जरूरी जानकारिया चाहीं महिला दिवस था इसलियें थोड़ी देर बाद मुझे भी अपनी पत्नी की सेवा करा थी सो में भी जमाल भाई की तरह नकल करने लगा और फिर नींद आ गयी सुबह उठा ब्लॉग खोला तो ब्लॉग एक आदर्श ब्लॉग बन चुका था मेरी पोस्ट मेरे डेश बोर्ड पर नहीं आ रही थी फेस बुक पर नहीं प्रकाशित हो रही थे सो मेने इस सूधार के लियें भी मासूम भाई से गुज़ारिश की थी मासूम भाई की इस महरबानी के बाद मेरा ब्लॉग तो सुधर गया लेकिन टाइपिंग का टाइटल शीर्षक ट्रांसलेट नहीं हो रहा हे में अंग्रेजी में टाइप करता हूँ जो हिंदी में ट्रांसलेट होता हे इसलियें में फ़िक्र मंद हो गया में भी भारतीय हो गया नुगरा हो गया और सोचा के अगर मासूम भाई को शुक्रिया कहा तो परम्परा बदनाम हो जायेगी यहाँ की परम्परा हो गयी हे के काम करवाओ और भूल जाओ सो मेने भी नुगरा बनने की कोशिश की हे मासूम भाई को जानबूझ कर धन्यवाद नहीं दिया और धन्यवाद क्यूँ दूँ उन्होंने अपने भाई का काम क्या हे कोई अहसान थोड़े ही किया हे बस यही में सोचता रहा अब मासूम भाई सी ब्लॉग को डेश बोर्ड पर लेन की कोशिशों में लगे हें इंशा अल्लाह इसमें भी कामयाब होंगे में मक्खन नहीं लगा रहा लेकिन मसूब भाई के सहयोग पत्नी प्रेमी जमाल भाई के सुझाव से मेरा ब्लॉग हो सकता हे कुछ दिनों में लोगों द्वारा पढ़ा जाने लगे समझा जाने लगे और इस ब्लॉग को भी लोग ब्लॉग की श्रेणी में मानने लगे लेकिन यह सब मासूम भाई के ही हाथ में हे हम तो कर चले अपना ब्लॉग मासूम भाई के हवाले साथियों .................. . 
खेर अब देश में महिलाओं के सम्मान  और महिला दिवस की बात करते हें यहाँ राष्ट्रपति, लोकसभा की सभापति , राज्यपाल , देश की मुखिया यु पी ऐ पार्टी की अध्यक्ष महिला हे फिर भी यह वर्ष जिस हिसाब से मनाया गया श्रम की बात रही हे यहाँ मेरे इस देश में महिला जननी हे पुरुष हो चाहे महिला मान की गोद में पलता हे बढ़ी बहन और छोटी बहनों से तकरार के साथ बढा होता हे कभी रूठना  कभी मनाना होता हे और फिर उसे बीवी के पल्लू में बाँध दिया जाता हे तो फिर जब महिला से शुरू होकर पुरुष की कहानी महिला तक ही खत्म हो जाती हे तो फिर काहे का महिला वर्ष यहाँ सीता जी पर ज़ुल्म करने वाले रावण की हत्या हुई लेकिन महिला केकयी और मंथरा को कोई सजा नहीं मिली, द्रोपदी का चीर हरन करने वालों को खत्म करने के लियें महाभारत रची गयी , आदम हव्वा का कहना मानने पर जन्नत से निकाले गये , इन्सान का पहला कत्ल हाबुल और काबुल का महिला के लियें हुआ शिवजी को काबू में करने के लियें पार्वती का सहारा लिया गया सत्यवान के लियें महिला सावित्री ने भगवान  को धोखा दिया होली का करिश्मा सब जानते हें जानकी ने कृष्ण को जन्म दिया मरियम हो चाहे बीवी खदीजा सभी की ताकत विस्श्व जानता हे सभी धर्मग्रंथ और इतिहास महिलाओं की ताकत के किस्से से भरे पढ़े हें घर हो चाहे देश हो सभी जगह महिला का ही तो राज हे बस महिला को थोडा बदलने की जरूरत हे वोह अगर मर्यादा में रहेगी तो फिर देश समाज और विश्व मर्यादित हो जाएगा महिला अगर विज्ञापनों में फिल्मों में कुछ रुपयों के लियें नग्न प्रदर्शन बंद कर दे तो फिर महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा महिला अगर चंद रुपयों के खातिर जिस्मफरोशी  बंद कर दे तो पुरुष अपनी पत्नियों से अलग नहीं होंगे , महिलाएं अगर पर पुरुषों को लिफ्ट नहीं दें और शादी शुदा मर्दों से विवाह नहीं रचाएं तो महिला बदनाम नहीं होगी महिला सास महिला नन्द अगर बहू को ठीक तरह से रखेगी तो घर में झगड़े नहीं होंगे माँ अपने बच्चे को दूध पिलाएगी पोडर का दूध नहीं पिलाएगी तो बच्चों में ताकत होगी दिमाग होगा , पत्नी अगर अपने पति को बहतरीन व्यंजन बना कर खिलाएगी तो पति और सभी घरवाले उसके गुलाम  रहेंगे लेकिन जरा सोचों क्या ऐसा सम्भव हे इस लियें अब इस महिला दिवस का कोई लाभ नहीं इसे महिला दिवस से महिला शुद्धिकरण वर्ष में बदल कर महिलाओं में सूधार के लियें भी अभियान चलाना होगा में मेरी बहनों और आंटी ब्लोगर्स से निवेदन करूंगा प्लीज़ इसे अन्यथा ना लें इस पर चिन्तन करने और सोचें के क्या महिला के बगेर कोई भी समाज सुरक्षित हे महिला के बगेर किसी समाज का कोई अस्तित्व नहीं अबू हनीफा जो मुस्लिम खलीफा थे वोह एक महिला के पिता थे और अबू हनीफा को हनीफा के पिता के रूप में पहचान मिली थे सभी धर्म ग्रन्थों में महिलाओं के लिए मार्ग  निर्देशन दिए हें महिलाएं अगर उनका दो प्रतिशत भी पालन कर लेट तो शायद देश और विश्व की तस्वीर ही अलग होगी . .    अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally