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महा शिवरात्रि पर गूंजेगा हर हर बम बम

दोस्तों देश के सबसे बढ़े त्यौहार महा शिवरात्रि पर देश के सभी नागरिकों को मुबारकबाद , कल महाशिवरात्रि हे आस्था का दिन हे पूजा अर्चना ,उपवास ,व्रत का दिन हे इस दिन देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी मन्दिरों पर महाशिवरात्रि की गूंज होगी हर हर बम बम का नारा होगा और इस दिन कई लोग भांग के मजे भी लेंगे ।
कोटा में इस अवसर पर कर्णेश्वर महादेव पर मेला लगेगा ,नीलकंठ महादेव पर अभिषेक होगा,शिव पूरी धाम में शिवलिंग की प्रतिष्ठा होगी ,गो कर्णेश्वर महादेव के मन्दिर पर रुद्रभिशिक होगा ,पंच मुखी महादेव मन्दिर समिति में ३२ जोड़ों का सामूहिक विवाह होगा तो देश भर के मन्दिरों में इस अवसर पर झांकियां जमेंगी ।
सभी ब्लोगर भाईयों बहनों को इस शुभ अवसर पर मुबारकबाद बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा