केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
क्यूँ देखता हूँ रोज़
सूरज की तरह
में तुम्हें
क्यूँ देखता हूँ रोज़
चाँद की तरह
में तुम्हें
क्यूँ देखता हूँ रोज़
चमकते तारों की तरह
में तुम्हे
जब तुमसे
चाँद ,तारे और सूरज की तरह
मुलाक़ात का
कोई वायदा भी नहीं हे
क्यूँ देखता हूँ
एक टक
यूँ ही
गुमसुम सा में तुम्हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अख्तर भाई, इसे ही प्यार कहते हैं।
ReplyDeleteसुंदर भाव हैं।
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ध्यान का विज्ञान।
मधुबाला के सौन्दर्य को निरखने का अवसर।
isi ko pyar ka nam diya hai janab
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