अदाकार प्रकाश गांधी का अभिनंदन
राजस्थानी फिल्म फौजी की फैमिली पर चर्चा
परलीका में राजस्थानी फिल्म अभिनेता प्रकाश गांधी का अभिनंदन करते हुए साहित्यकार।
राजस्थानी फिल्म फौजी की फैमिली पर चर्चा
परलीका में राजस्थानी फिल्म अभिनेता प्रकाश गांधी का अभिनंदन करते हुए साहित्यकार।
हनुमानगढ़. सोमवार को जिले के परलीका ग्राम के सोनी सदन में नई राजस्थानी पारीवारिक हास्य फिल्म ‘फौजी की फैमिली’ पर चर्चा गोष्ठी हुई। इस अवसर पर फिल्म में मुख्य किरदार कासी की भूमिका निभाने वाले अदाकार व गायक प्रकाश गांधी का अभिनंदन किया गया। विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण व साहित्यकारों ने शिरकत की।
गांधी को समिति की ओर से वरिष्ठ राजस्थानी कथाकार मेहरचंद धामू, रामस्वरूप किसान तथा डॉ. सत्यनारायण ने शॉल ओढ़ाकर तथा राजस्थानी भाषा की साहित्यिक पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कथाकार रामस्वरूप किसान ने कहा कि राजस्थानी भाषा और संस्कृति महान है तथा इसकी विश्व परिदृश्य में विशिष्ट पहचान है और राजस्थानी माटी से उपजे कलाकार ही इसकी सही छवि दुनिया के समक्ष रखने में सक्षम हैं। उन्होंने ‘फौजी की फैमिली’ को भाव-भाषा तथा संदेश की दृष्टि से उत्कृष्ट बताया और प्रसन्नता व्यक्त की कि राजस्थानी लोक के यथार्थ स्वरूप को इसमें दर्शाया गया है। विनोद स्वामी ने फिल्म की समीक्षा करते हुए फिल्म को साक्षरता के वातावरण निर्माण के लिए इसे गांव-गांव और गली-गली में प्रदर्शित किए जाने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम में फिल्म में सरपंच की भूमिका निभाने वाले धर्मपाल ढाका, बुजुर्ग मोमन की भूमिका निभाने वाले नन्दलाल सोनी तथा फिल्म के लेखक रामदास बरवाळी का भी अभिनंदन किया गया। प्रगतिशील किसान लालसिंह बैनीवाल, चुन्नीलाल सोनी, सरजीत पाल स्वामी, गौतम गोविंदा, बसंत राजस्थानी, रघुवीर सहारण तथा रुणेचा नाई ने भी विचार रखे। डॉ. सत्यनारायण सोनी ने आभार जताया।
-अजय परलीका
गांधी को समिति की ओर से वरिष्ठ राजस्थानी कथाकार मेहरचंद धामू, रामस्वरूप किसान तथा डॉ. सत्यनारायण ने शॉल ओढ़ाकर तथा राजस्थानी भाषा की साहित्यिक पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कथाकार रामस्वरूप किसान ने कहा कि राजस्थानी भाषा और संस्कृति महान है तथा इसकी विश्व परिदृश्य में विशिष्ट पहचान है और राजस्थानी माटी से उपजे कलाकार ही इसकी सही छवि दुनिया के समक्ष रखने में सक्षम हैं। उन्होंने ‘फौजी की फैमिली’ को भाव-भाषा तथा संदेश की दृष्टि से उत्कृष्ट बताया और प्रसन्नता व्यक्त की कि राजस्थानी लोक के यथार्थ स्वरूप को इसमें दर्शाया गया है। विनोद स्वामी ने फिल्म की समीक्षा करते हुए फिल्म को साक्षरता के वातावरण निर्माण के लिए इसे गांव-गांव और गली-गली में प्रदर्शित किए जाने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम में फिल्म में सरपंच की भूमिका निभाने वाले धर्मपाल ढाका, बुजुर्ग मोमन की भूमिका निभाने वाले नन्दलाल सोनी तथा फिल्म के लेखक रामदास बरवाळी का भी अभिनंदन किया गया। प्रगतिशील किसान लालसिंह बैनीवाल, चुन्नीलाल सोनी, सरजीत पाल स्वामी, गौतम गोविंदा, बसंत राजस्थानी, रघुवीर सहारण तथा रुणेचा नाई ने भी विचार रखे। डॉ. सत्यनारायण सोनी ने आभार जताया।
-अजय परलीका
बहुत ही उम्दा रचना , बधाई स्वीकार करें .
ReplyDeleteआइये हमारे साथ उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन पर और अपनी आवाज़ को बुलंद करें .कृपया फालोवर बनकर उत्साह वर्धन कीजिये