Skip to main content

वन्दना जी अध्यक्ष बनी

आल इंडिया ब्लोगर एसोसिएशन में ग्रहणियों का कब्जा , सलीम भाई ने वन्दना जी को बनाया अध्यक्ष

Wednesday, February 23, 2011

आल इण्डिया ब्लोगर एसोसिएशन जहां बहुत कुछ नया लिखा जा रहा हे दुसरे ब्लॉग की तरह ही लोगों को लेखन और भाईचारा सद्भावना से जोड़ा जा रहा हे इसमें वन्दना जी को अध्यक्ष नियुक्त कर खलबली मचा दी हे पिछले कई वर्षों से सभी ब्लोगर भाइयों की चहेती बनी बहन साहित्यकार वन्दना जी लिखती भी हें तो घर की ज़िम्मेदारिया भी सम्भालती हें अब वोह आल इंडिया ब्लोगर एसासिएशन की ज़िम्मेदारी भी सम्भालेंगी इसके लियें उन्हें और उनकी टीम को हार्दिक बधाई। वन्दना जी इस ब्लॉग की अध्यक्ष बनने के बाद बहुत कुछ नया करेंगी और नया दिखाएंगी वन्दना जी को एक बढ़ी टीम भी साथ में काम करने के लियें तय्यार की गयी हे , सहज ,निर्मल,और बहतरीन लेखिका वंदना बहन को यह जिमेदारी देने पर शायद सभी ब्लोगर भाइयों को ख़ुशी हुई होगी सलीम भाई का चयन लोगों को जोड़ने वालों का रहा हे और बहन वन्दना चर्चा मंच या और दुसरे माध्यमों से लोगों को साहित्य से ब्लोगिंग से जोडती रही हें । AIBA केवल शाब्दिक पहलवानी का अखाड़ा मात्र नहीं है, यह भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करता है और इसके लिए इसमें भारतीय महिलाओं की मौजूदगी की महति आवश्यकता है. इसी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए वंदना जी को इस अपूर्व ब्लॉग की अध्यक्षा का काम सँभालने का मौक़ा दिया गया है. नारी शक्ति को दर्शाने के लिए इस ब्लॉग में महान ममता मंडल का भी गठन किया गया है. इस मंडल में AIBA की सभी महिला सदस्य/अनुसरणकर्ता स्वमेव शामिल कर ली जाएँगी, इसके लिए उन्हें किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं रहेगी.


महान ममता मंडल
ममता त्रिपाठी
डॉ दिव्या श्रीवास्तव
प्रियंका राठौड़

रेखा श्रीवास्तव

डॉ. निरुपमा वर्मा
मीनाक्षी पन्त
आलोकिता
रश्मि प्रभा
शिखा कौशिक

शालिनी कौशिक
सदा
AIBA केवल शाब्दिक पहलवानी का अखाड़ा मात्र नहीं है, यह भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करता है और इसके लिए इसमें भारतीय महिलाओं की मौजूदगी की महति आवश्यकता है. इसी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए वंदना जी को इस अपूर्व ब्लॉग की अध्यक्षा का काम सँभालने का मौक़ा दिया गया है. नारी शक्ति को दर्शाने के लिए इस ब्लॉग में महान ममता मंडल का भी गठन किया गया है. इस मंडल में AIBA की सभी महिला सदस्य/अनुसरणकर्ता स्वमेव शामिल कर ली जाएँगी, इसके लिए उन्हें किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं रहेगी.

महान ममता मंडल
ममता त्रिपाठी
डॉ दिव्या श्रीवास्तव
प्रियंका राठौड़

रेखा श्रीवास्तव

डॉ. निरुपमा वर्मा
मीनाक्षी पन्त
आलोकिता
रश्मि प्रभा
शिखा कौशिक

शालिनी कौशिक
सदा
मिसेज़ अख्तर ख़ान
इस ब्लोगिंग की अहम बात यह हे के सभी महिलाओं को इसमें सिरमोर बनाया गया हे सब जानते हें के विश्व महिला प्रधान देश हे और विश्व का हर आदमी कहीं ना कहीं महिला के कब्जे में हे लोग कहते हें महिला शोषित हे लेकिन हम कहते हें महिला पुरुष वर्ग की पोषक हे गृहणी अगर हे तो रोज़ सुबह से शाम तक पति और परिजनों की खिदमत कर घर को स्वर्ग बनाती हे घर के बच्चों को नई राह नई दिशा दिखाती हे और फिर एक समाज का जन्म होता हे समाज जो आज विभिन्न मुसीबतों और झंझावातों से घिरा हे ऐसे हालातों में देश को लेखनी से ही बदला जा सकता हे और इसके लियें आल इंडिया ब्लोगर एसोसिएशन ने कमला का कम शुरू किया हे इस चयन में वन्दना बहन को अध्यक्ष के लियें चयन करने के साथ ही ममता त्रिपाठी,डोक्टर दिव्या श्रीवास्तव, प्रियंका राठोड, रेखा श्रीवास्तव, डोक्टर निरुपमा वर्मा ,मीनाक्षी पन्त, आलोकिता, रश्मि प्रभा , शिखा कोशिक, शालिनी , मिसेज़ अख्तर खान को जोड़ा गया हे जबकि हरीश सिंह और मिथिलेश दुबे को प्रचारक बनाया गया हे , इस कम को बहतरीन अंजाम देने के लियें कोषाध्यक्ष का काम जनाब ज़ी शान जेदी को सोंपा गया हे खुदा ब्लोगिंग की दुनिया के इस बदलाव को कामयाब बनाये और पुरुष वर्ग को बिना किसी सियासत के इस ब्लॉग के विकास के लियें काम करने की नेक हिदायत दे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा