जो बनते हैं सबके अपने,
निशदिन दिखाते हैं नए सपने,
ऊपर-ऊपर प्रेम दिखाते,
भीतर सबका चैन चुराते,
ये लोगों को हरदम लूटते रहते हैं,
तब भी उनके प्रिय बने रहते हैं.
ये करते हैं झूठे वादे,
भले नहीं इनके इरादे,
ये जीवन में जो भी पाते,
किसी को ठग के या फिर सताके,
ये देश को बिलकुल खोखला कर देते हैं ,
इस पर भी लोग इन पर जान छिड़कते हैं.
जब तक ऐसी जनता है,
तब तक ऐसे नेता हैं,
जिस दिन लोग जाग जायेंगे,
ऐसे नेता भाग जायेंगे,
अब यदि चाहो इन्हें हटाना,
चाहो उन्नत देश बनाना,
सबसे पहले अपने मन को,
उचित निर्णय युक्त बनाना.
निशदिन दिखाते हैं नए सपने,
ऊपर-ऊपर प्रेम दिखाते,
भीतर सबका चैन चुराते,
ये लोगों को हरदम लूटते रहते हैं,
तब भी उनके प्रिय बने रहते हैं.
ये करते हैं झूठे वादे,
भले नहीं इनके इरादे,
ये जीवन में जो भी पाते,
किसी को ठग के या फिर सताके,
ये देश को बिलकुल खोखला कर देते हैं ,
इस पर भी लोग इन पर जान छिड़कते हैं.
जब तक ऐसी जनता है,
तब तक ऐसे नेता हैं,
जिस दिन लोग जाग जायेंगे,
ऐसे नेता भाग जायेंगे,
अब यदि चाहो इन्हें हटाना,
चाहो उन्नत देश बनाना,
सबसे पहले अपने मन को,
उचित निर्णय युक्त बनाना.
सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति , बधाई।
ReplyDeletebahut khubsurat baat kahi aapne
ReplyDeletebdhai dost