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सेक्स एजुकेशन और पाकिस्तानी संस्कृति ,बबाल अभी जिंदा है.

पकिस्तान को विवादों का देश कहा जाता है यहाँ सलमान रश्दी की पुस्तक 'द सैटनिक वर्सेस' पर फतवा,तसलीमा नसरीन की "लज्जा"पर फतवा,सानिया-शोएब की नजदीकियों पर फतवा,हेयर डाई का इस्तेमाल करने पर फतवा,एयरपोर्ट पर बॉडी स्कैनर के खिलाफ फतवा,फेसबुक के खिलाफ फतवा, यहाँ तक की वंदे मातरम पर भी फतवा के बाद पाकिस्तानी लेखक मोबीन अख्तर की किताब ''सेक्स एजुकेशन फॉर मुस्लिम्स’को भी पकिस्तान में टेढ़ी निगाह से देखा जा रहा है इसमें हैरत की बात नहीं है की अगर इस पर भी कोई नया फतवा दे दिया जाए,सेक्स एजुकेशन हमेशा से विवादित विषय रहा है और पकिस्तान में इस पर बबाल मचना कोई नयी बात नहीं है देखते है आखिर पकिस्तान इस किताब को किस हद तक स्वीकार कर पाता है,इस विषय पर आपके विचार आमंत्रित है - माडरेटर    

मुसलमानों को सेक्स की शिक्षा देने के लिए पाकिस्तान में एक डॉक्टर द्वारा किताब लिखे जाने पर बवाल हो गया है।‘सेक्स एजुकेशन फॉर मुस्लिम्स’ नामक इस किताब का मकसद लोगों को इस्लामी निर्देशों के मुताबिक सेक्स का पाठ पढ़ाना है।
इस किताब को लिखने वाले डॉक्टर मोबीन अख्तर का कहना है कि पाकिस्तान में सेक्स शिक्षा का न होना लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है और इसलिए उन्होंने यह किताब लिखी।डॉक्टर अख्तर का कहना है, ''यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है। किशोरावस्था में लड़के हस्तमैथुन करते हैं। उनसे कहा जाता है कि यह सेहत के लिए ठीक नहीं और गुनाह है।''
उनका कहना है कि वो खुद उस दौर से गुज़रे हैं जहां उनके पास इन चीज़ों के बारे में जानकारी देने वाला कोई नहीं था। डॉक्टर अख्तर का मानना है कि सेक्स के बारे में चर्चा करना गैर-इस्लामी नहीं। उन्होंने कुरान के अध्ययन के दौरान जाना कि इस्लाम में सेक्स के बारे में बहुत कुछ बताया गया है।

विरोध
पाकिस्तान में कुछ लोगों को डॉक्टर अख्तर की यह कोशिश नागवार गुज़र रही है। उर्दू में अपनी किताब का नाम बदलकर उसे किशोरों की समस्या का नाम देने के बावजूद लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने बताया, ''मुझे कई बार धमकियां मिली हैं, यहां तक की कई डॉक्टरों ने भी मुझे झोलाछाप करार दिया. ''डॉक्टर अख्तर कहते हैं कि बहुत कम ऐसे प्रकाशक हैं जो इस किताब को छापने के लिए तैयार हों.
उन्होंने कहा, ''इस तरह की प्रतिक्रिया बेहद दुखद है। सेक्स के बारे में जानकारी की कमी लोगों को मनोवैज्ञानिक तौर पर कमज़ोर बनाती है।''उनका कहना है कि फिलहास पाकिस्तान में दबे-छिपे ढंग से भी सेक्स के बारे में बात नहीं हो रही है।


Comments

  1. पकिस्तान को सेक्स शिक्षा से पहले उन चीज़ों पर पावंदी लगनी चाहिए,जो युवा पीढ़ी को जेहादी बना रही है,सेक्स शिक्षा पकिस्तान का किसी न किसी तरह भला कर ही सकती है खैर पकिस्तान को अच्छी चीज़ों की आदत ही नहीं है

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  2. har achchhi pahal ka shuru me virodh hi hota hai .ye pakistan ya hindustan ki baat nahi hai .

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  3. शालिनी जी अगर हर अच्छी पहल का स्वागत किया जाएँ तो पहल करने में वालों में जोश और उत्साह का संचार न होगा,चाहे बह भारत में हो या पकिस्तान में..

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  4. जहां जितना ज्यादा इन्सान को बांधने कि कोशिश कि जाएगी वहां पर उतना ज्यादा भ्रष्टाचार पनपेगा क्युकी इन्सान हर वो चीज़ को परखना चाहता है जिससे उसे दूर रहने को कहा जाता है सबसे पहले इन्सान आता है और फिर देश !
    अच्छी जानकारी धन्यवाद !

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--- संजय सेन सागर

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