Skip to main content

लुप्त होती-- सिर से आँचल व पैरों से पायल--मिथिलेश

बदन से सरकते कपड़े , जी हाँ आजके वर्तमान परिवेश में आपको आसानी से दिख जायेगा । अब ये आपको हर गली नुक्कड़ बाजार हो या शोपिग माल छोटे कपड़ो मे लड़कियां आपको आसानी से दिख जायेंगी । कल तक छोटे कपड़े रैंप पर कैटवाक करती मॉडल्स अपने डिजाइनर्स के कलेक्शन को पेश करने के लिए पहनती थीं लेकिन आजकल ऐसे कपड़े आम शहरी लड़कियाँ भी पहन रही हैं। जो दिखता है वही बिकता है की तर्ज पर अब लड़कियाँ भी बिंदास बाला की छवि में खुद को ढालती जा रही हैं और बेझिझक अपने मांसल सौंदर्य का प्रदर्शन कर लोगों की वाहवाही बटोर रही हैं। और हर जगह कहती फिरती है कि ये हमारा हक है । ठिक है हक और भी तो है तो क्या इस हक की जरुरत ज्यादा है इनकों । ऐसे कपड़ो में घुमती फिरती है और कहती है कि am i looking hot and sexy , और अगर आप ने हाँ कह दिया तो क्या हौसले और भी बुलंद ।

अभी कुछ दिनों पहले की बात है मै टी वी देख रहा था की अचानक मेरी नजर इड़िया टीवी पर पड़ी और देखा किसी अदालत नामक सीरियल पर पड़ी , जहाँ एक एपिसोड में एक कटघरे में स्वामी बाबा रामदेव थे औत दूसरे कटघरे में बोलीवुड की आइटम गर्ल समंभावना सेठ और कश्मिरा शाह थी । मुद्दा चल रहा था भारतीय संस्कृति को लेकर तो बाबा जी कह रहे थे कि ये जो आप कम कपड़ो मर डांस करती है ये अच्छा नहीं होता । इसपर समंभावना सेठ ने कहा कि बाबा अभी शर्त लगाईये यही नाचूँ और हर मर्द खड़े होकर ताली बजाने पर मजबूर ना हो जायें तो कहिएगा । इस पर बाबा जी चुप हो गये । अब आप ही बताईये अगर वहाँ मर्द होंगे तो ऐसे नित्य पर तालियाँ तो बजेंगी ही । छोटे कपड़े पहनकर अपने बदन की सुंदरता का प्रदर्शन करना युवा लड़कियों के लिए अब एक फैशन बन गया है। जिसका बदन जितना अधिक दिखेगा उसे लोग उतना ही सुंदर व सेक्सी कहेंगे। अब लड़कियों के लिए सेक्सी संबोधन एक अपशब्द नहीं बल्कि सुंदरता का पैमाना बन गया है। एक समय था जब हम और आप या कोई भी सेक्सी शब्द कहने में शर्म महशुस करता था परन्तु एक समय आज है कि ऐसे शब्दो का प्रयोग करना मतलब इज्जत देना । फैशन शो, फिल्मी अभिनेत्रियों के कपड़े आदि सभी युवा लड़कियों को ग्लैमर के रंग में ढाल रहे हैं। कल तक मल्लिका शेरावत व राखी सावंत के छोटे कपड़े दर्शकों को आँखे मूँदने पर मजबूर करते थे परंतु आज सबसे ज्यादा माँग इन्हीं बिंदास अदाकाराओं की है। शर्म की बात है ना जो हमारे संस्कृति को धूमिल करने मे लगा है उसकी माँग मार्केट मे सबसे ज्यादा है । कल तक हम बस फिल्मो में इन्हे देख पाते थे परन्तु अब इनकी परछाई हर जगह आसानी से दिख जाती है ।

ऐसे छोटे कपड़ो की माँग भी नित्य ही बढ़ती जा रही है । अब आप बाजार या कपड़े की दूकानं पर जायेगे तो सबसे पहले स्कर्ट या इस प्रकार के ही छोटे कपड़े दिखेंगे । मुंबई की मायानगरी से निकलकर ग्लैमरस कपड़ों का फैशन बड़े-बड़े महानगरों तक पहुँचता जा रहा है जहाँ शोरूम में सजने के बाद सर्वाधिक बिक्री उन्हीं कपड़ों की होती है जिनकी लंबाई कम व लुक ट्रेंडी होता है। यही नहीं महानगरों के नामी स्कूलों, कॉलेजों, एयर होस्टेस एकेडमी आदि का ड्रेस कोड ही मिनी स्कर्ट-टॉप व फ्रॉक बन गए हैं। कल तक घर-गृहस्थी संभालने वाली लड़कियाँ भी अब फैशन शो व सौंदर्य प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं और नए फैशनेबल वस्त्रों के अनुरूप अपने बदन को ढाल रही हैं। अब जब माँ अपनी बेटी को सलवार-कमीज पहनने को कहती है तो बेटी शान से कहती है कि माँ अब तुम भी बदल जाओ। आज तो स्कर्ट व कैप्री का दौर है। सलवार-कमीज तो गाँव की लड़कियाँ पहनती हैं। बुद्धि से बच्चे भले ही बड़े न हों पर पहनावे से आजकल की किशोरियाँ अपनी उम्र से बहुत अधिक बड़ी हो गई हैं। यह सब बदलते दौर की फैशन का प्रभाव है जिसने भारतीय संस्कृति की छाप को मिटाकर सिर से आँचल व पैरों से पायल को लुप्त कर दिया है आजकल का फैशन ही शार्ट स्कर्ट शार्ट फ्रॉक्स आदि हैं।

जो फैशन बाजार में दिखता है, वही बिकता है। इसी तर्ज पर आज छोटे कपड़े युवतियों की पहली पसंद बन गए हैं। भला जिस भावी पीढ़ी का नेतृत्व रिया सेन किम शर्मा व राखी सावंत जैसी अभिनेत्रियाँ करें उस पीढ़ी की युवतियाँ पूरे शरीर को ढँकने वाले लंबे कपड़े कैसे पहन सकती हैं

Comments

  1. विचारणीय आलेख्।

    ReplyDelete
  2. sahi hai---aur ye ladakiyon mahilaon ko hi sochana hoga....ya sarakar ko

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally