अमर उजाला प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार महेश्वरी का आकस्मिक निधन पत्रकारिता जगत की बहुत बड़ी क्षति है.पत्रकारिता जगत जो कि लोकतंत्र का एक स्तम्भ है और इस स्तम्भ को अमर उजाला का बहुत मजबूत हाथ थामे हुए है और ये हाथ अतुल जी के प्रयासों से आज इतनी मजबूती से खड़ा है .आज देश की वर्तमान स्थिति में अमर उजाला बहुत जागरूकता के साथ जनता को जागरूक कर रहा है और उसको इस कार्य के लिए तैयार करने वाले अतुल जी का ऐसी विषम परिस्थितयों में इतनी कम उम्र में अकेले छोड़ जाना बर्दाश्त के बाहर है ऐसे में सिवाय उन्हें श्रद्धांजलि देने के हम कुछ नहीं कर सकते बस यही कह सकते हैं की ईश्वर इस दुःख की घडी में अतुल जी के परिजनों और साथियों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे.उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मैं एक शायर की चंद पंक्तियाँ लिखते हुए अपनी लेखनी को यहीं विराम दे रही हूँ:
कुछ लोग थे जो वक़्त के सांचे में ढल गए,
कुछ लोग थे जो वक़्त का ढांचा बदल गए.
और अतुल जी ऐसे ही थे....
कुछ लोग थे जो वक़्त के सांचे में ढल गए,
कुछ लोग थे जो वक़्त का ढांचा बदल गए.
और अतुल जी ऐसे ही थे....
सुन कर बहुत दुःख हुआ !
ReplyDeleteभगवान उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को होंसला !
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (6/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com