तेरे सुर से हम सुर मिलायेंगे
कोंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बयान का भावार्थ बदल कर पुर जोर शब्दों में कहा के देश में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों तरह के ही आतंकवाद घातक हें , सोनिया ने भ्रस्ताचार के मुद्दों को भी गोण कर दिया और मनमोहन सिंह के गुणगान शुरू कर दिए , खुद राहुल गांधी ने भी अधिवेशन में अपनी ही बात को दुसरे तरीके से दोहराया लेकिन कोंग्रेस की मां हो चाहे कोंग्रेस का बेटा हो दोनों की एक बात हु बहू मिलती जुलती रही जिसमें खास बात यह थी की सोनिया और राहुल गाँधी का भाषण खुद का मोलिक नहीं था दोनों ने किसी और से लिखवा कर अपना भाषण पढ़ा हे अब दिग्विजय सिंह ने तो संघ की तुलना हिटलर से कर डाली और कथित राष्ट्र्तवाद का मजाक भी उढ़ाया , कोंग्रेस महा अधिवेशन में ख़ास बात भ्रस्ताचार और महंगाई के मुद्दों पर बात होना थी लेकिन इन मुद्दों से शायद कोंग्रेस को कोई लेना देना नहीं हे इसी लियें देश में चल रही अराजकता के लियें कोंग्रेस ने प्रधानमन्त्री की पीठ थपथपाई और महंगाई और भ्रष्टाचार पर एक शब्द का भी चिन्तन मंथन नहीं किया कुल मिलाकर कोंग्रेस अधिवेशन में देश और समाज के लियें कोई विचार नहीं रखा गया हाँ हमारे देश की सरकार को रिमोट से चलाने वाली दोनों शक्तियाँ सोनिया और राहुल खुद किसी के रिमोट से चलती हुई नजर आयीं और इसीलियें जनता से जुड़े मुद्दों को कोंग्रेस हमेशां की तरह इस बार भी भूल गयी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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ReplyDeleteसही चिंतन - अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"
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