क्यु इतना प्यार दिखाती हो
उस पर लुट जाना चाहती हो
फिर हर बार क्या सोच कर तुम
उससे खुद को यु बचाती हो
क्या तेरे दिल मै प्यार नहीं ?
क्या उसके जेसा एहसास नहीं
फिर बार बार उस तक जाके
क्यु लोट जाना चाहती हो
उसके एहसास जगाती हो
उसके अरमान सजाती हो
जब वो सपनो मै रंग भरता है
तो क्यु........ बेरंग उसे कर आती हो
फिर क्यु उसका अच्छा तुम चाहती हो
उसके अरमान जगाती हो
अपने को यु पत्थर दिल कह फिर
क्यु उसका दिल यु दुखाती हो ?
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर