प्रतिमा तुम्हारे प्यार की भूलती नहीं है॥
आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥
हमने भी आँखों को मिलाना भी ,,बंद किया है॥
सुबह शाम छत पे आना भी बंद किया है,
तेरी हंसी की बोल मुरझाती नहीं॥
आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥
कई दिनों तक खाना पानी हरम था॥
हमें पता है हमें लवेरिया बुखार था॥
बिना देखे तोहे अंखिया मुस्काती नहीं॥
आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥
मेरी ख़ुशी है रूठी मै खोजती तुम्हे हूँ॥
आ जाओ मेरे करीब मै तो यहाँ हूँ॥
तेरे सिवा किसी को बसाया नहीं है...
आँखों से तेरी सूरत जाती नहीं है॥
ankho se surat dil meyn uttaro
ReplyDeletetumeh wah milega jise chahtey ho
khuseyon ko darde jigar se milao
tumeh wah dikhega jise chatey ho.
dua hai hamare tumeh tumko pa le
samunra se jakrke moti utthae le.
vishnu kant mishra lucknow. e-mail. vkacao@gmail.com
thankyou sir,,G
ReplyDeleteशायरी निखर आती थोड़ी और बेहतर,
ReplyDeleteइधर उधर तुकबंदी गर जाती नहीं.
बहुत् सुंदर जी, धन्यवाद
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