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आई मिस यु ......

जरा सोचो
रोज़ हम
एक दुसरे से
कहते हें
आई मिस यु
लेकिन
अल्लाह, भगवान को
हम लगातार मिस करते हें
जबकि
हमारी कब्र और शमशान
रोज़ हमारे लियें
कहते हे
आई मिस यु
इसलियें जरा सोचो
अपने जीवन में
आप रोज़
इश्वर के कितने संदेशों को
मिस करते हें
बस
हम फिर किसी को भी
मिस नहीं करेंगे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

  1. अख्तर जी हम भगवान, अल्लाह के संदेशों को मिस नहीं करते वरन उन्हें डिलीट कर देते है और उसका हश्र हम सभी देख रहें है ।

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  2. bahut sahi baat bahut kam shabdon me .vah!

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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