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संस्‍कृतपृष्‍ठसंकलक पर इस माह प्रस्‍तुत लेखों की सूची ।।



प्रिय बन्‍धु 

आपके अपने संस्‍कृतपृष्‍ठसंकलक संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर इस माह प्रकाशित लेखों की सूची प्रस्‍तुत कर रहा हूँ  ।।


बृहस्पतिवार, ३० दिसम्बर २०१०

नूतनस्य आगमने पुरातनस्य उपेक्षा न भवेत् ।




मंगलवार, २१ दिसम्बर २०१०

श्री हनुमते नम:


सोमवार, २० दिसम्बर २०१०

संस्‍कृतपरिवार: महती शुभकामना: ददाति ।-राष्‍ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट)



रविवार, १९ दिसम्बर २०१०

शिव स्‍तुति: ।


बृहस्पतिवार, १६ दिसम्बर २०१०

राष्‍ट्रसेवाया: कृते पन्‍थाह्वानम् ।।



बुधवार, १५ दिसम्बर २०१०

रुप्यकैः मनःशान्तिः ।


सोमवार, १३ दिसम्बर २०१०

गोष्ठी् आयोजिता –संस्कृ्तभारती (विश्व-संस्कृत-पुस्तकमेला 






शुक्रवार, १० दिसम्बर २०१०


बृहस्पतिवार, ९ दिसम्बर २०१०

वैदेशिका: अपि प्रार्थनायां भागं गृहीतवन्त


मंगलवार, ७ दिसम्बर २०१०

धनानन्दस्य दानानन्दः


एकम् अद्भुतं कीर्तिमानम्



शुक्रवार, ३ दिसम्बर २०१०

एकं अतिमधुरं गीतम् - श्री हनुमत स्‍तुति: ।

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प्रस्‍तुत लेखों पर अपने विचार प्रकट करके हमारा मार्गदर्शन करें  । 

भवदीय: - आनन्‍द:

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

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