Skip to main content

बुद्धि जीवियों के चुनाव में निरक्षरता का नमूना

कहते हें जो पढ़ लिख लेता हे वोह समझदार हो जाता हे और देश , समाज के लियें उपयोगी साबित होता हे पढ़ा लिखा व्यक्ति देश समाज के उत्थान के लियें बहतरीन निर्णय करने में सक्षम होता हे और अगर लोकतंत्र प्रणाली से उसे निर्वाचन का मोका दिया जाए तो उसमें वोह बेहतरीन लोगों का निर्वाचन कर गुणवत्ता को जिताता हे लेकिन भाईयों यह सब बातें एक सपना और एक किताबी बातें हें , देश और प्रदेश के चुनावों में भीड़ तन्त्र किस तरह के लोगों को निर्वाचित करती हे सब जानते हें कोई बाहुबली होता हे तो कोई महा भ्रष्ट लेकिन जनता उसका निर्वाचन करती हे और वही महा भ्रष्ट और बाहुबली सरकार में बेठ कर नितियें तय करता हे ऐसा ही कुछ कोटा अभिभाषक परिषद के चुनावों में देकने को मिला हे में खुद भी उम्मीदवार था इसलियें नतीजे नजदीक से देखने को मिले हें ।
दोस्तों कोटा आभिभाश्क परिषद जिसमे १३०० वकील सदस्य हें और सभी को वोट डालने का अधिकार मिला यहाँ पिछले दो सालों से हाईकोर्ट बेंच की कोटा में स्थापना और दूसरी मांगों को लेकर हडताल , धरने प्रदर्शन चल रहे हें में हर आन्दोलन में साथ रहा लेकिन जो लोग साथ नहीं थे वोह भी इस चुनाव मदन में थे डबल ग्रेजुएट यानि बी.ऐ । एल एल बी कमसे कम पढने के बाद ही लोग इसके सदस्य बने हें , साल भर यहाँ आन्दोलन चले लोगों ने कहा तुम अच्छा लिखते हो अच्छा बोलते हो , अच्छा काम करते हो , सेवा भावी हो सबकी मदद करते रहते हो और तुम्हारी बात में भी दम हे तो तुम ही क्यूँ इस बार कोटा अभिभाषक परिषद का चुनाव नहीं लढ़ लेते मेने कहा भाई में जनता हूँ यह सब क्वालिटी मेरे में हे लेकिन एक अयोग्यता हे , मेरा नाम अख्तर खान अकेला हे में शर्मा या गुप्ता नहीं हूँ , मेरे इस जवाब पर मेरे अपने भाई बहुत नाराज़ हुए और कहने लगे के भाई हमने कोंग्रेस का विधि प्रकोष्ट बना रखा हे यहाँ ३०० लोग हमारे साथ हें यूँ ही जीता लायेंगे मेने कहा भाई तुम कोंग्रेसी लोग हो हम लोगों की पीठ पर चहरा घोप देते हो हमारा ऐ पी जे अबुल कलाम अगर राष्ट्रपति पद का चुनाव लढता हे तो तुम उसे मना कर देते ह, अगर बहुमत के कोंग्रेस बोर्ड कोई कोंग्रेस टिकिट पर चुनाव लढता हे तो उसे क्रोस वोटिंग से हरा देते हो तुम मेरा भी यही हल करोगे लेकिन कोंग्रेसी नहीं माने और कहा चुनाव लढ़ लो मेने फ़ार्म भरा के पीछे से इन लोगों ने मेरे एक अज़ीज़ दोस्त के भांजे का फ़ोरम भी अध्यक्ष के लियें भरवा दिया। अभिभाषक परिषद में १३०० सदस्य इन सदस्यों में से करीब ३०० ऐसे सदस्य जिनके सुख दुःख और परेशानी में में सीधे तोर पर साथ निभाता रहा हूँ जबकि सभी लोग उन लगों को धोखा देते आये हें इन लोगों ने कहा के इस बार हमें ज़ात ,पात,पार्टी,पोलिटिक्स नहीं चाहिए इस बार तो क्वालिटी चाहिए और वोह सिर्फ तुम में हे इसलियें अभिभाषक परिषद के हित में तुम्हें मैदान में रहना होगा वरना ठीक नहीं होगा दोस्तों मेने नाम वापस नहीं लिया और चुनाव की रन भूमि में में खड़ा हो गया जो लोग अभिभाषक परिषद से निकले गये थे उनको मेने वापस सभी लोगों से नाराजगी लेकर अभिभाषक परिषद में लिवाया , चुनाव शुरू हुए सदस्यों की सूचि देखी तो ५०० लोग जो अदालत में नियमित आते हें उनके अलावा ८०० लोग ऐसे थे जो बाहरी सदस्य थे यानी वोह वार्षिक शुल्क जमा कराते हें और फिर अपनी दुकान,प्रतिष्ठान, व्यापार में जाकर लग जाते हें यानी वकालत उनका व्यवसाय नहीं बलके उनके लियें मजाक हे वोह मरते हें तो वकील शोक सभा करते हें वोह बाज़ार में पिटते हें तो वकील हडताल करते हें कुल मिला कर जो नियमित अदालत में वकालत कर रहे हें वोह तो दिन रात का जोखिम लेकर अपने हक के लियें संघर्ष करते हें और जब लाभ मिलता हे तो घर बेठे लोग इस लाभ को लेने के लियें आ जाते हें अब चुनाव में भी कोन अध्यक्ष बनेगा यही लोग तय करते हें चुनाव में जो लोग अदालत आते हें वोह तो गुणवत्ता जानते हें लेकिन जो लोग नहीं आते वोह चुनाव के दिनों में खाने पीने की पार्टियों से प्रभावित होते हे और फिर साल में केवल एक बार अदालत वोट डालने आते हें और साल भर के अध्यक्ष और दुसरे पदाधिकारियों को निर्वाचित करके चले जाते हें जबकि एडवोकेट एक्ट में लिखा हे के नियमित वकालत करने वाला व्यक्ति ही एडवोकेट कहलायेगा अगर वकालत के आलावा किसी के द्वारा कोई दुसरा रोज़गार कमाने वाला काम किया जायेगा तो फिर बस उसकी सदस्यता और उसे बार कोंसिल दवाला दिया गया वकालत का लाइसेंस छीन लिया जाएगा तो दोस्तों कोटा अभिभाषक परिषद के चुनाव में भी यही नतीजा हुआ रोज़ आने वाले वकीलों का नेता कोन बनेगा अदालत में कभी नहीं आने वाले लोगो ने आकर कर दिया और मुझे जो ३०० मेरे समर्थक चुनाव जीतने के लियें चुनाव लढने की बार कह रहे थे वोह या तो मुंह छिपाते फिरे और वही हर बार की तरह अपने पपेट यानि जो वोह कहें वही हो ऐसा रोबोट तलाशते देखे गये और ऐसा हुआ भी चुनाव में अध्यक्ष पद के लियें ७ प्र्त्याकाशी थे जो कभी आंदोलनों में साथ नहीं रहे उनमें से एक को तो अध्यक्ष चुना गया और मुझे केवल ७८ वोटों पर समेत कर पुरस्कृत किया गया अब भाई देखो बुद्धि जीवियों का चुनाव जिसे एक तो बाहर के लोग जो किसी भी सुरत में सदस्य नहीं बन सकते वोह सदस्य रहकर प्रभावित करते हें दुसरे कोन किसकी कितनी चमचागिरी कर सकता हे साल भर उसके चंगुल में रहकर काम कर सकता हे या साल को केसे अगले साल तक के लियें बिना कुछ करे घसीट सकता हे उसे ही ठेले और थडी वालों की तर्ज़ पर यहाँ वोट डाल कर बोगस सदस्य बना कर निर्वाचित किया जाता हे यह बुध्दी जीवी समाज और देश के लियें कितना घातक हे यह तो सब जानते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Comments

  1. janab budhhijeeviyon ke chunav me ek sachche sahyogi ka yahi hal hota hai.apne bhav prastut kar aapne vastav me ek himmat ka karya kiya hai .badhai..

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally