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बढता भारत संभालो युवावर्ग


मनमोहन जी कुच्छ यु बोले .............
                 अब तो दुनिया मै
                                  भारत की है साख बड़ी
फ़्रांस , रूस , चीन , अमेरिका मै
                               रिश्तो की अब बात बनी     
 दक्षिण एशिया के पास तो 
                            तेजी से बड़ने की वो शक्ति है
 लेकिन ये सब बाते तो
               शांति , सोहार्द पर ही निर्भर करती हैं
पाकिस्तान के संबंधो को
                     सामान्य बनाने का विचार किया
लेकिन आतंकी तंत्र पर काबू पाने तक
                       उस बात को वही तमाम किया
राजनीति की रेल - पेल  से
                      थक कर युवावर्ग को सम्मान दिया
राहुल जी की तारीफों मै ,
                   उसको एक अच्छा  नेता कह भी दिया
चलो किसी व्यक्ति ने तो
                   युवावर्ग का ख्याल किया
कुर्सी पर तो अभी बैठा न कोई
              पर बच्चों  का होंसला तो बड़ा दिया !

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...