हां मैं चमार जाति का हूं | मैं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की मुख्यमंत्री मायावती को चुनौती देता हूं कि इसको गलत साबित करें | मायावती ने दलितों के उत्थान के लिये कुछ नहीं किया | राष्ट्रीय अनुसूचित जाती आयोग द्वारा उठाये गये सवालों से मायावती भयभीत हैं ,इसलिए दलित उत्पीड़न के मामलों को छुपा रही हैं | राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल.पुनिया ने मुख्यमंत्री द्वारा बार – बार उनकी जाति और आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए जाने पर एक विशेष बातचीत में ये जबाब दिए | राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल.पुनिया ने कहा कि वे हरियाणा राज्य से चमार जाति के हैं | इसलिए मुख्यमंत्री मायावती को अगर कोई तकलीफ है तो उनको इसकी जांच कराने की चुनौती देता हूं | उन्होंने कहा कि मायावती बताएं कि वे यूपी की हैं या दिल्ली की ? उन्होंने कहा कि मैं बाबा साहब अम्बेडकर के बनाए गए संविधान का निर्वहन कर रहा हूं | बाबा साहब ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के संविधान की धारा 338 और इसकी उप 10 धाराओं में कर्तव्यों का विस्तार से उल्लेख किया है | बाबा साहब को उम्मीद थी कि भविष्य में राज्य सरकारें ,आयोग की कार्य प्रणाली पर हीलाहवाली करेंगी, इसलिए आयोग को असीमित अधिकार दिए थे | इस उत्तरदायित्व के कारण वे किसी भी राज्य में अनुसूचित जाति के लिये चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा कर सकतें हैं |
पिछड़ा वर्ग और इंग्लो इंडियन समुदाय के हितों की रक्षा का भी अधिकार आयोग को मिला है | अभी तक किसी ने भी आयोग के कर्तव्यों और अधिकार पर ध्यान नहीं दिया है | वे इस पर बारीकी से काम कर रहे हैं | श्री पुनिया ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने कांग्रेस और गैरकांग्रेस राज्य आंध्र प्रदेश ,दिल्ली,झारखण्ड,छत्तीसगढ़ और हरियाणा राज्यों का दौरा किया | उन्होंने कहा कि चाहे वे कांग्रेस शासित राज्य हों या फिर गैरकांग्रेस राज्य उन्होंने बगैर भेदभाव के अधिक दलित उत्पीड़न वालें राज्यों को सख्त चेतावनी दी है | उन्होंने यूपी के परिपेक्ष्य में सफाई देते हुये कहा कि वे मायावती सरकार के विरोधी नहीं हैं लेकिन दलितों के उत्थान के लिये चलाई जा रही योजनायों की समीक्षा करने का अधिकार है | इसलिए यूपी में चल रही दलितों के लिये योजना की हम समीक्षा कर रहे हैं |
उन्होंने कहा कि अगर यूपी सरकार ने दलितों के आर्थिक विकास के लिये अच्छा काम किया तो वे यूपी सरकार को शाबासी देंगे | यूपी सरकार आयोग को भ्रामक जानकारी देकर दलित उत्पीड़न के मामलों को छिपाने का प्रयास कर रही है | श्री पुनिया ने कहा कि वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का कम कर रहे हैं न कि राजनीति | उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले संविधान को पढ़े तब आयोग पर कोई टिका – टिप्पणी करें | जिस संविधान के तहत वे यूपी की मुख्यमंत्री हैं उसी संविधान के तहत मैं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति का अध्यक्ष हूं | उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती को भय है कि कहीं आयोग की वजह से उनकी सरकार की पोल न खुल जाए कि दलितों के उत्थान के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया है |
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि देश में दलित उत्पीड़न को रोकने और समीक्षा करने के लिए राज्य के आयोगों से सीधा संपर्क बनाने के लिए स्टेट लिंक बनाने की योजना है | इसके तहत भी राज्यों के आयोगों को केंद्रीय आयोग से जोड़ने के लिए कम्प्यूटरीकरण की कार्यवाही तेज होगी | जिससे किसी भी राज्य में हुई दलित उत्पीड़न की जानकारी पलक झपकते केंद्रीय आयोग को हो जाएगी | जिस पर त्वरित कार्यवाही होगी |
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर