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संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् - सप्‍ताह विशेष ।।



प्रिय बन्‍धु 
आपके अपने संस्‍कृत जालपृष्‍ठ संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर इस सप्‍ताह प्रकाशित किये गये लेखों की सूची प्रस्‍तुत कर रहा हूँ ।
अपने आवश्‍यक सुझाव व अमूल्‍य टिप्‍पणियों के द्वारा हमारा उत्‍साह वर्धन करें ।

शुक्रवार, १२ नवम्बर २०१०

भूतकालस्‍य वाक्‍यनिर्माणप्रक्रिया - संस्‍कृतलेखनप्रशिक्षणम् ।


।। भूतकाल के सामान्‍य वाक्‍य बनाने की आसान प्रक्रिया ।।


बृहस्पतिवार, ११ नवम्बर २०१०

ओबामादेशाटनम् ।


ओबामा की भारत यात्रा पर विशेष लघु टिप्पणीवत् लेख श्री विष्‍णुकान्‍त मिश्र जी के द्वारा ।


भारतीय पवित्र ग्रन्‍थ वेदों में विज्ञान की एक और कडी ।




अग्रिम सप्‍ताह में कुछ नये लेखों के साथ पुन: पदार्पित होंगे ।
नमो नम:


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भवदीय: - आनन्‍द:

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा