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वेद विशिष्‍ट - संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् ।।



प्रिय बन्‍धु

आपके संस्‍कृत जालपृष्‍ठसंग्राहक संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर इस सप्‍ताह प्रकाशित लेखों की सूची प्रस्‍तुत कर रहा हूँ ।
विषय वस्‍तु की दृष्टि से यह सप्‍ताह महत्‍वपूर्ण है । क्‍यूँकि इस सप्‍ताह वेदों पर महत्‍वपूर्ण व रोचक तथ्‍य प्रकाशित किये गये हैं ।
अपनी अमूल्‍य राय व टिप्‍पणियों से लेखकवर्ग का मार्गदर्शन व उत्‍साह वर्धन करें ।


रविवार, ७ नवम्बर २०१०

यज्ञं चेत् हिंसा कथं ।। वेद विशिष्‍टम् ।।


यज्ञों में हिंसा का खण्‍डन वेदमन्‍त्र के द्वारा ।।


बुधवार, ३ नवम्बर २०१०


दीपावली पर्व पर श्री विष्‍णुकान्‍त मिश्र जी द्वारा प्रस्‍तुत शुभविचार


बुधवार, ३ नवम्बर २०१०


विश्‍व का सर्वप्रथम आविष्‍कार या खोज , वेद प्रमाण के आधार पर प्रस्‍तुत वार्ता ।




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भवदीय: - आनन्‍द:

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

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