Skip to main content

ऑर्कुट प्रेमिका की बेवफाई में मेडिकल स्टूडेंट ने दे दी जान

अगरतला. ऑर्कुट पर एक लड़की के प्यार में पागल हुए एक मेडिकल स्टूडेंट ने लड़की के तवज्जों न देने के बाद आत्महत्या कर ली।


यह सनसनीखेज मामला त्रिपुरा की राजधानी अगरतला का है। अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का छात्र रूपकनाथ की दोस्ती सोशल नेटवर्किंग साइट ऑर्कुट पर एक लड़की से हुई। इंटरनेट पर बनी दोस्त के प्यार में रूपक पागल हो गया।


रूपक की इंटनेट प्रेमिका दक्षिण भारत के एक कॉलेज से पढ़ाई कर रही है। पुलिस के मुताबिक रूपक के दोस्तों ने उसकी इंटरनेट प्रेमिका रूबी (परिवर्तित नाम) के फोन कॉल आने के बाद जब उसके कमरे में जाकर देखा तो पंखे से लटका हुआ पाया।


रूबी ने फोन कर उसके दोस्तों को बताया था कि सुबह से उसका फोन नहीं उठा रहा है। इस पर रूपक के दोस्त उसके हॉस्टल कमरे की ओर भागे। कमरा अंदर से बंद था। दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा गया तो रूपक का शव पंखे से लटक रहा था।


मरने से पहले रूपक ने अपने कमरे की दीवारों पर अपने खून से प्रेमिका का नाम लिख दिया था। आत्महत्या करने से पहले रूपक ने अपने शरीर पर घाव भी किए थे।


रूपक ने अपने ऑरकुट प्रोफाइल पर लिखा है कि वो एक लड़की से बेहद प्यार करता है। उसने लिखा है कि मेरी प्रेमिका मुझे छोड़ना चाहती है। वो नहीं जानती कि मैं उसे कितना प्यार करता हूं।


रूपक ने अपने प्रोफाइल में लड़की के पिता (जो की एक डॉक्टर हैं) से भी आग्रह किया है कि वो उनकी बेटी से शादी करना चाहता है।


अपनी स्क्रेपबुक में भी रूपक ने लिखा है कि वो रूबी से बहुत प्यार करता है और उसके बिना नहीं रह सकता।


Comments

  1. ये बहुत दुखद हुआ... जिन्दगी इतनी सस्ती भी नहीं लेकिन कभी कभी उद्वेग हावी हो जाते हैं..

    ReplyDelete
  2. aaj ke ladkon ko noutanki ke alava aata hi kya hai

    ReplyDelete
  3. सही कहा आपने जिंदगी इतनी सस्ती नहीं है,मेरे ख्याल से तो उन २० दिनों की मोहोब्बत से जायदा २० साल पुराना वो रिश्ता अहम् लगता है जो जन्म से हमारे साथ है....मोहोब्बत हो सकती है सब करते है लेकिन अंजाम हमें कुछ ऐसा बनाना होता है जिसे याद करके खुद पर फक्र महसूस कर सके...मेरे ख्याल से यह प्यार नहीं था..सिर्फ पागलपन था..

    ReplyDelete
  4. are kahan aap भी aaj ke din kaisi kaisi baatein nikaal kar baith gayin...
    आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं..

    ReplyDelete
  5. दिवाली यह पर्व आपको एवं आपके परिवार को बहुत बहुत मुबारक..आपका का जीवन मंगलमय हो..!

    ReplyDelete
  6. सही कहा सन्जय, यह प्यार नहीं पागलपन, अग्यान व आत्मविश्वास की कमी है; प्यार तो न जान देता है न लेता है बस प्रेमी पर प्यार लुटाता है चाहे दूर हो या पास, चाहे साथ हो या किसी और के साथ....

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा