Skip to main content

तकनीक समझने के लिए 4 दिन तक बैंक में छिपा रहा चोर


जयपुर. बैंक के एटीएम और लॉकर खोलने की तकनीक समझकर रुपए चुराने के लिए एक चोर वैशाली नगर इलाके में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में चार दिन तक छिपा रहा।


उसने लॉक कोड का पता लगाने के लिए लॉकर रूम के सामने एवं एटीएम में मोबाइल और खुफिया कैमरा तक लगा दिया। यह चोर बैंक के बेसमेंट में स्थित रिकॉर्ड रूम में एक टेबल के नीचे फाइल लगाकर सोता रहा और बैंक वालों को भनक तक नहीं लगी। पांचवें दिन मंगलवार को जब सवेरे साढ़े 8 बजे चोर बैंक में चाय बना रहा था, तभी अचानक सफाईकर्मी आ गया और उसने बैंक का गेट बंद कर मैनेजर व पुलिस को बुला लिया।


आरोपी दीपक ने पूछताछ में बताया कि इससे पहले 4 जून 2010 को भी वो इसी बैंक में पीछे से खिड़की की ग्रिल हटाकर अंदर घुसा था और दो दिन तक रहा था। तब छेनी से स्ट्रांग रूम तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। इस बार वह 4 नवंबर को 3 बजकर 37 मिनट पर बैंक टाइम के दौरान नजरें बचाकर सीधे बैंक के रिकॉर्ड रूम में जाकर छिप गया। बैंक बंद होने के बाद वह मैनेजर के कैबिन में से जो एटीएम में रास्ता जाता है, वहां गया। यहीं से बैंककर्मी एटीएम में पैसे डालते है।


वहां पर दीपक ने सेलो टेप से ऊपर मोबाइल लगाकर रिकार्डिग चालू कर दी, ताकि एटीएम में पैसे डालने के दौरान मशीन खोलने के कोड नंबर उस रिकार्डिग में आ सके। उसने स्ट्रांग रूम के बाहर एक खुफिया कैमरा लगा दिया था, लेकिन तकनीकी खामी की वजह से रिकार्डिग नहीं हो पाई। दीपक मंगलवार को रिकार्डिग के लिए आखिरी प्रयास करने वाला था। बैंक कर्मी साढ़े 9 बजे आते हैं, लिहाजा वो साढ़े 8 बजे तसल्ली से बैंक में पहले से रखी केतली में चाय बना रहा था। इतने में वहां सफाईकर्मी दिलीप आ गया और पकड़ा गया।


एक दिन पहले ही पता चल गया था बैंक में कोई है...


बैंक प्रबंधक के कमरे से एटीएम मशीन के कमरे के रास्ते के बीच दरवाजे में ऑटोलॉक को तार से तोड़ा गया था। इसकी जानकारी बैंक प्रबंधक को थी। एक दिन पहले ही उसे पता चला गया था कि कोई व्यक्ति एटीएम रूम में दाखिल होकर वारदात करना चाहता है। इसके बावजूद बैंक प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया, वे केवल स्टाफ पर ही शक करते रहे।


बैंक मेनेजर एमएल कासलीवाल से सवाल-जवाब


चार दिन तक सीसीटीवी कैमरे चेक क्यों नहीं किए?


हम केवल इस बात पर ध्यान देते है कि कैमरे चालू हैं या नहीं। दिन की रिकार्डिग तो हम देखते हैं लेकिन रात को और अवकाश के दिन क्या होता है, उसकी रिकार्डिग पर कभी ध्यान दिया।


बैंककर्मियों ने रिकॉर्ड रूम चेक क्यों नहीं किया?


चोर ने खुद को सैकड़ों फाइलों के पीछे छिपा रखा था। कोई भी अंदाजा नहीं लगा पाया कि कोई व्यक्ति वहां छिपा हो सकता है।


बैंक में गार्ड क्यों नहीं थे?


गार्ड तैनात करने का काम हैड ऑफिस करता है। फिलहाल बैंक की शाखा में गार्ड तैनात नहीं है।


आरोपी मैकेनिकल डिप्लोमाधारी


सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज से मैकेनिकल डिप्लोमाधारी इस चोर का कहना है कि लव मैरिज करने के दौरान कानूनी लड़ाई के चलते उस पर 5 लाख रुपए का कर्जा हो गया था, जिसे चुकाने के लिए वह बैंक में चोरी की कोशिश कर रहा था। एएसपी शहर पूर्व शंकरदत्त शर्मा के अनुसार आरोपी डांगियावास, जोधपुर के दीपक चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मौके से एक बैग में नकाब, चाकू, कटर एवं आरी आदि बरामद किए हैं। इन औजारों से वह स्ट्रांग रूम व एटीएम को तोड़ने की फिराक में था।


फल व सैंडविच लाया था साथ


पुलिस के मुताबिक, बैंक में तीन दिन तक रहने की प्लानिंग बनाकर ही दीपक अंदर घुसा था। इसलिए वो साथ में एक बैग में सेव, केले, सैंडविच आदि साथ लेकर आया था और चार दिन तक यही खाता रहा। साथ में एक जोड़ी कपड़े भी लाया था।


कम्प्यूटर भी खंगाले


बैंक प्रबंधकों के अनुसार चोर ने आईडी जानने के लिए बैंक के कम्प्यूटर भी खंगाले । साथ ही कई बार कोड डालकर एटीएम का लॉक खोलने का प्रयास भी किया।


मैमोरी के मामले में ‘गजनी’


चोर ने चार दिन के दौरान जो सामान इधर से उधर किया उसकी एंट्री एक डायरी में करता था ताकि उस सामान को दोबारा से उसी जगह रखा जाए। चोर ने पुलिस को बताया कि उसकी मैमोरी कमजोर है, इसलिए कागज की स्लिप पर लिखकर सामान को इधर उधर करता था। साथ ही जो करना था वो भी एक स्लिप में लिख रखा था।


Comments

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा