राजधानी में पिछले दिनों संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों ने खेल गांव में न सिर्फ तोड़फोड़ की थी बल्कि एक करोड़ रुपये का सामान भी उठा कर ले गए।
भारत की जमीन पर टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की हार से बौखलाए वहां के एथलीटों ने खेल गांव में जमकर उत्पात मचाया था और कई सामान तोड़-फोड़ डाले थे। ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों की ‘बदमाशी’ यहीं तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत की दवाइयां और अन्य सामान भी ले गए।
दिल्ली सरकार ने इस मामले की शिकायत करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रमुख को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के आंकलन के मुताबिक खेलगांव स्थित चिकित्सा केंद्र से 1.18 करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं और अन्य उपकरण गायब हैं।
माना जा रहा है कि ये 'गायब' सामान खेलों में हिस्सा लेने आए एथलीट ही अपने साथ ले गए। इनमें अधिकतर सामान पर ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों ने हाथ साफ किया जबकि कुछ सामान अफ्रीकी देशों के खिलाड़ी भी अपने साथ ले गए। खेलों के प्रशिक्षण केंद्रों से भी कई उपकरण गायब हैं।
खेल गांव में एथलीटों की सुरक्षा और गंदगी को लेकर काफी हो हल्ला मचाने वाले ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों ने जमकर उत्पात मचाया था। इन खेलों में 74 गोल्ड मेडल के साथ पहले पायदान पर रहने के बाद भी कंगारू एथलीटों को संतोष नहीं हुआ। उन्होंने खेल गांव में इमारत की आठवीं मंजिल से एक रेफ्रिजरेटर नीचे फेंक दिया था। उन्होंने सचिन तेंडुलकर के खिलाफ नारेबाजी भी की थी।
गायब दवाओं में कई दर्दनिवारक स्प्रे, दिल का दौरा पड़ने पर काम आने वाले उपकरणों (ऑटोमेटिड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स) समेत इलाज में इस्तेमाल होने वाले कई अहम उपकरण शामिल हैं। एक ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स की कीमत डेढ़ लाख से दो लाख रुपये है। आयोजन समिति के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि ऐसे 13 से 14 हजार उपकरण और दर्दनिवारक स्प्रे खेल गांव से गायब हैं।
हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रमुख को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री किरण वालिया ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया का नाम लेने से इंकार करते हुए कहा कि ‘कुछ देशों’ के टीम प्रमुखों को चिट्ठी भेजी गई है। उन्होंने कहा, ‘दो ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स लौटा दिए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट ने कहा, ‘मुझे ऐसे मामले की कोई जानकारी नहीं है इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।’
bhaskar.com
भारत की जमीन पर टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की हार से बौखलाए वहां के एथलीटों ने खेल गांव में जमकर उत्पात मचाया था और कई सामान तोड़-फोड़ डाले थे। ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों की ‘बदमाशी’ यहीं तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत की दवाइयां और अन्य सामान भी ले गए।
दिल्ली सरकार ने इस मामले की शिकायत करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रमुख को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के आंकलन के मुताबिक खेलगांव स्थित चिकित्सा केंद्र से 1.18 करोड़ रुपये मूल्य की दवाएं और अन्य उपकरण गायब हैं।
माना जा रहा है कि ये 'गायब' सामान खेलों में हिस्सा लेने आए एथलीट ही अपने साथ ले गए। इनमें अधिकतर सामान पर ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों ने हाथ साफ किया जबकि कुछ सामान अफ्रीकी देशों के खिलाड़ी भी अपने साथ ले गए। खेलों के प्रशिक्षण केंद्रों से भी कई उपकरण गायब हैं।
खेल गांव में एथलीटों की सुरक्षा और गंदगी को लेकर काफी हो हल्ला मचाने वाले ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों ने जमकर उत्पात मचाया था। इन खेलों में 74 गोल्ड मेडल के साथ पहले पायदान पर रहने के बाद भी कंगारू एथलीटों को संतोष नहीं हुआ। उन्होंने खेल गांव में इमारत की आठवीं मंजिल से एक रेफ्रिजरेटर नीचे फेंक दिया था। उन्होंने सचिन तेंडुलकर के खिलाफ नारेबाजी भी की थी।
गायब दवाओं में कई दर्दनिवारक स्प्रे, दिल का दौरा पड़ने पर काम आने वाले उपकरणों (ऑटोमेटिड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स) समेत इलाज में इस्तेमाल होने वाले कई अहम उपकरण शामिल हैं। एक ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स की कीमत डेढ़ लाख से दो लाख रुपये है। आयोजन समिति के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि ऐसे 13 से 14 हजार उपकरण और दर्दनिवारक स्प्रे खेल गांव से गायब हैं।
हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रमुख को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री किरण वालिया ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया का नाम लेने से इंकार करते हुए कहा कि ‘कुछ देशों’ के टीम प्रमुखों को चिट्ठी भेजी गई है। उन्होंने कहा, ‘दो ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर्स लौटा दिए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट ने कहा, ‘मुझे ऐसे मामले की कोई जानकारी नहीं है इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।’
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर