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एक ही रास्ता ---डा श्याम गुप्त ...


चित्र -१.गुलाबी गेंग <--------- महिलाओं पर अत्याचार , हर जगह, हर स्थान पर , महिलाओं द्वारा , पुरुषों द्वारा, समाज, शासन, नेता, अफसर हर जगह --अर्थात मानव पर मानव द्वारा अत्याचार, शोषण । इसका एक ही इलाज है स्वयं नारी -शक्ति का प्रादुर्भाव , हुंकार लेकर उठा खडा होना | समाज में जब कभी भी इस प्रकार की विकृति आयी है तो अवतार जन्म लेते हैं परन्तु अवतारों का कोई भी किसी भी युग में नारी शक्ति के सहयोग के बिना कोई कार्य पूर्ण नहीं हुआ चाहे वो सीता का पंचवटी पर जन जागरण कार्य हों या राधा का बृज प्रदेश में नारी जागरण अभियान । अन्यथा प्रायः नारी शक्ति, आदि शक्ति, दुर्गा, काली आदि रूप में स्वयं अवतार लेकर दुष्टों का दलन करके समाज को दिशा प्रदान करती है|
-----पिंक साड़ी अभियान ऐसी ही नारी शक्ति का जागरण है , समय के अनुसार और निश्चय ही एक यही राह बची
है दुष्टों को सबक देने की देखिये चित्र -1में संदर्भित समाचार , एक सार्थक पहल ,महिला जन जागरण अभियान --पिंक साड़ीअभियान , जो बांदा की ग्रामीण महिलाओं ने "गुलाबी गेंग " बनाकर चलाया है | यह एक गुणात्मक अभियान है न कि शहर की तथाकथित नारीवादी पढी लिखी महिलाओं का बातों का अभियान ।

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ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा