इस मामले में गूगल के खिलाफ कई देशों में पहले से ही जांच चल रही है। लेकिन अब तक वह मानने को तैयार नहीं था। महज दो दिन पहले ही कनाडा के निजी वाचडॉग ने कहा था कि गूगल ने ई-मेल पर दी जा रही पूरी की पूरी जानकारी जमा कर ली है। इससे किसी की भी ई-मेल पर दी जाने वाली जानकारी गोपनीय व सुरक्षित नहीं रह गई है।
वाशिंगटन स्थित इलेक्ट्रॉनिक प्रायवेसी इन्फॉर्मेशन सेंटर के प्रबंध निदेशक मार्क रॉटेनबर्ग ने कहा है कि गूगल ने कानून तोड़ा है। यह गंभीर मामला है और उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए। फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने गूगल के खिलाफ मामलों की जांच शुरू कर दी है। अमेरिका के 50 में से 30 राज्यों ने मिलकर जांच अभियान शुरू किया है। गूगल ने न्यूजीलैंड और नीदरलैंड्स सहित छह देशों के आंकड़े नष्ट कर दिए हैं क्योंकि वहां की सरकारों ने इसकी अनुमति दे दी।
पता नहीं कितनों पर पड़ा असर:
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि गूगल द्वारा जमा किए गए ई-मेल और पासवर्ड संबंधी आंकड़ों से किस किस देश में कितने लोगों पर असर पड़ा है। लेकिन यह स्पष्ट हुआ है कि किसी की भी ई-मेल गोपनीय नहीं रही। ई-मेल पर कौन क्या भेज रहा है या किस कंपनी ने कौन सा गोपनीय आंकड़ा अपने अधिकारियों को भेजा, यह भी छिपा नहीं रहा। फिलहाल यह भी पता नहीं कि इससे कितने प्रतिद्वंद्वियों ने लाभ उठाया।
क्या है गूगल की ‘स्ट्रीट व्यू’: गूगल के लिए काम करने वाली विशेष उपकरणों से सज्जित ये ऐसी गाड़ियां हैं दुनियाभर में जो सड़कों, पर्यटक स्थलों, आवासीय स्थलों की जानकारी जमा करती हैं। आप गूगल या गूगल अर्थ में अपने शहर या किसी दूसरे शहर की जो जानकारी हासिल करते हैं वह इन्ही गाड़ियों द्वारा एकत्र की गई होती है।
वर्जन:
‘गूगल ने गलती से जो ई-मेल, यूआरएल या पासवर्ड जमा कर लिए हैं उनमें से 600 जीबी को तो देखना भी संभव नहीं है। काफी कुछ आंकड़े नष्ट किए जा चुके हैं तथा कुछ जल्द ही नष्ट कर दिए जाएंगे।’
-एलन यूस्टेस, वाइस प्रसीडेंट, गूगल इंजीनियरिंग रिसर्च विभाग
चुराने वाली बात कुछ समझ में नहीं आई. जहाँ तक हमें पता है, जब आप किसी साईट पर पंजीकरण करवातें है, तो आपके आपकी सारी जानकारी उनके पास उपलब्ध हो ही जाती है, (including password) , तो जो उनके पास पहले से है, उसे कैसे चुराया जा सकता है ? उसका दुरुपियोग किया जाता तो बात समझ में भी आती ... पर चुराने का क्या मतलब हुआ... या खुदा ये मामला क्या है ?
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